हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 13 अप्रैल को प्रतिपदा है जिस दिन से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष मान्यता है। कुल चार तरह की नवरात्रि ( Navratri ) हिंदुओं द्वारा मनाई जाती हैं। वह चैत्र, शारदीय, माघ और आषाढ़ नवरात्र है।
वहीं इस बार चैत्र की प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल की सुबह 8 बजे से होगी। जो 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 16 तक रहेगी। इसलिए कलश स्थापना ( Ghatasthapana time ) 13 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक की जा सकेगी।
इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त पूर्वाह्न में 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। जबकि अमृतसिद्धि योग व सर्वार्थसिद्धि योग - 13 अप्रैल की सुबह 06 बजकर 11 मिनट से दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक रहेंगे। इसी प्रकार अमृत काल भी सुबह 06 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 03 मिनट तक रहेगा।
इस बार चैत्र नवरात्र की शुरुआत मंगलवार से हो रही है। मंगलवार होने के कारण इस बार मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर होगा। जो कि शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि मान्यता है कि घोड़े पर मां के आने से भय और युद्ध की स्थिति बनी रहेगी। वहीं चैत्र नवरात्रि ( Chaitra Navratra ) के पहले दिन से ही हिंदुओं का नववर्ष यानि नवसंवत्सर 2078 भी शुरु हो जाएगा, जिसका नाम राक्षस होगा।
सनातन धर्म के नवरात्रि पर्व में मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा की जाती है। ऐसे में चैत्र नवरात्र में मां शैलपुत्री, ब्रह्नचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता सहित कुल नौ देवियों की पूजा की जाएगी। चैत्र नवरात्रि में पहले दिन घटस्थापना के अतिरिक्त मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री ( Shailputri Puja ) की पूरा अर्चना की जाती है।
ये करें चैत्र नवरात्रि के दौरान...
: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्प लें।
: पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करें।
: वहीं दिन के समय आप फल और दूध ले सकते हैं। यानि अन्न न खाएं, सिर्फ फलाहार ग्रहण करें।
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: शाम के समय मां की आरती उतारें।
: सभी में प्रसाद बांटें और फिर खुद भी ग्रहण करें, फिर भोजन ग्रहण करें।
: अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं, और उन्हें उपहार और दक्षिणा दें।
: अगर संभव हो तो हवन के साथ नवमी के दिन व्रत का पारण करें।
धन की नहीं होगी कभी कमी...
वहीं पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि इस नवरात्रि यदि आप देवी मां को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सच्चे मन के साथ कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें, माना जाता है कि ऐसा करने से आपको कभी भी धन की कोई कमी नहीं होगी।
1. नवरात्रि में हर रोज मां भगवती ( Goddess durga ) के मंदिर में माता रानी का ध्यान करना चाहिए। यदि किसी कारणवश ये संभव न हो तो घर पर ही माता की मूर्ति के सामने उनका ध्यान लगाना भी लाभप्रद रहता है।
2. वहीं ये भी मान्यता है कि नवरात्र के दौरान हर रोज यदि स्वच्छ जल, माता जी को अर्पित किया जाता रहे तो मां भगवती जल्द प्रसन्न हो जाती हैं।
3. उपवास को जहां विज्ञान शरीर की सफाई के कार्य के तौर पर लेता है। वहीं दूसरी तरफ धार्मिक दृष्टि से भी उपवास को अत्यंत विशेष माना गया है। ऐसे में कलयुग में उपवास को एक तरह से तपस्या ही माना जा सकता है।
4. नवरात्रि में हर रोज देवी माता ( Goddess ) का विशेष श्रृंगार करना चाहिए। माता जी का चोला, फूलों की माला, हार और नए कपड़ों से श्रृंगार किया जाता है।
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5. वहीं नवरात्रि के दौरान अपने घर में माता के नाम की अखण्ड ज्योति जलाना ना भूलें। साथ ही पूजा के दौरान गणेश जी का भी ध्यान करें, नवरात्रि में सुबह और शाम दोनों समय दुर्गा मां की पूजा करना जरूरी है। माना जाता है कि पूजा करने से पहले प्रथम पूज्य भगवान गणेश ( Shri Ganesh ) को जरूर याद करें।
आरती करना भी है बेहद जरूरी : कई बार लोग पूजा तो कर लेते है पर आरती नहीं करते, जबकि ऐसा करने से मां अप्रसन्न होती है। इसलिए ध्यान रखें की पूजा के बाद आरती अवश्य करें। पूजा के तुरंत बाद कुछ ना खाएं, क्योंकि ये अशुभ माना जाता है। इसलिए पूजा करके थोड़ा समय बीत जाने के बाद ही फल आदि खाएं।
6. वहीं नवरात्र के आठवें दिन यानि अष्टमी को देवी माता जी विशेष पूजा किया जाना अत्यंत शुभ माना गया है। इस पूजा के लिए यदि किसी ब्राह्मण की मदद ली जाए, तो और अधिक उत्तम रहता है। लेकिन, यदि ब्राह्मण ना हो तो खुद ही सप्तशती स्रोत ( Durga Saptshati ) पाठ और ध्यान पाठ करना चाहिए।
7. नवरात्रि में देशी गाय के घी से अखंड ज्योति जलाना मां भगवती को बहुत प्रसन्न करने वाला कार्य माना गया है। लेकिन अगर गाय का घी नहीं है, तो अन्य घी से भी माता की अखंड ज्योति पूजा स्थान पर जरूर जलानी चाहिए।
8. एक खास बात ये भी है कि नवरात्रि में यदि आप व्रत कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं तो भी इन नौ दिनों में हर व्यक्ति को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए।
9. आप यदि नवरात्रि में व्रत नहीं रख रहे हैं, तो भी भोजन सात्विक ही करें। प्याज, लहसुन, मीट आदि का इस दौरान त्याग कर दें।
मान्यता के अनुसार साफ मन व श्रद्धा रखने वाले मां को जल्दी प्रसन्न कर लेते हैं। इसलिए नवरात्र के दौरान साफ विचार मन में रखें और किसी की बुराई न करें।
10. नवरात्रि में मां दुर्गा को खुश करने के लिए घर में कलश की स्थापना करें और मां दुर्गा ( Goddess temple )का चित्र लगाएं। इसके बाद नियमित नौ दिन तक व्रत रखें और ध्यान रहे कि सिर्फ एक समय ही कुछ खाएं।
गेंहू और जौ को बोना है आवश्यक: ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के दौरान गेंहू और जौ को बोना चाहिए क्योंकि जैसे-जैसे ये पौधे अंकुरित होंगे, माना जाता है कि वैसे वैसे ही आपका भाग्य चमक उठेगा। इसके अलावा माना जाता है कि नवरात्रि ( Chaitra shukla pratipada ) के दौरान व्रत रहते हुए माता के 108 नामों का जाप करने से सुख प्राप्त होता है।
11. कन्याओं को हिंदू धर्म में विशेष दर्जा दिया गया है, ऐसे में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों को नवरात्रि के दौरान हर रोज फल का प्रसाद दें और हो सके तो भोजन भी कराएं। मान्यता है कि ऐसा करने से दुर्गा मां बहुत प्रसन्नता होती हैं।
चैत्र नवरात्रि पूजा के फायदे:-
: धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
: वंश आगे बढ़ता है।
: शत्रुओं का नाश होता है।
: दुःख, रोग व बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
: मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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