Guru Pushya Nakshatra Tree
पुष्य पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा गया है। प्रत्येक नक्षत्र का एक प्रतिनिधित्व वृक्ष या पौधा होता है। इसी तरह पुष्य नक्षत्र का भी एक पेड़ है जिसकी पूजा करने से सभी तरह का संकट मिटता है और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है जबकि नक्षत्र देव बृहस्पति है और यह नक्षत्र चंद्रमा की कर्क राशि में विचरण करता है। अत: शनि के मान से शमी और बृहस्पति के मान से पीपल का वृक्ष इस नक्षत्र का प्रतिनिधित्व करता है। अधिक जगह पर पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान बताया गया है।
पुष्य में बृहस्पति का व्रत और पूजन किया जाता है। पीपल के पेड़ को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में पीपल का वृक्ष लगाकर उसकी पूजा करते हैं जिससे उनके जीवन में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। अंजीर और गूलर या खरपत्री का वृक्ष भी पुष्य नक्षत्र का प्रतिनिधित्व करता है।
पुष्य नक्षत्र आज, इस तरह लाएं घर में शुभ वस्तुएं, आइए जानें 12 काम की बातें...
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Peepal Tree
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