भगवान विष्णु की महिमा : 24 अवतार का महत्व और मंत्र

Lord Vishnu 
 


भगवान श्रीहरि विष्णु जगत के पालनकर्ता हैं। विष्णु के दो खास अर्थ है- 1. विश्व का अणु और 2. जो विश्व के कण-कण में व्याप्त है। हिंदू धर्म में विष्णु जी का कई खास दिनों में व्रत-उपवास, पूजन, मंत्र जाप आदि का विशेष महत्व है। शास्त्रों में विष्णु के 24 अवतार (Avatars of Lord Vishnu) बताए हैं, लेकिन प्रमुख 10 अवतार The ten avatars of Vishnu माने जाते हैं- मत्स्य, कच्छप, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बु‍द्ध और कल्कि। 

 

विष्णु जी के पूजन वैसे तो प्रतिदिन ही किया जाता है और उनके सभी अवतारों में कोई न कोई दिन या तिथि पर उनका पूजन अवश्‍य ही किया जाता है। जैसे कि वैकुंठ चतुर्दशी, वर्ष की सभी एकादशियां, देवशयनी और देवप्रबोधिनी व्रत, परशुराम जयंती तथा विष्णु त्रिरात्रि व्रत आदि श्री विष्णु पूजन के प्रमुख दिन माने गए हैं। भगवान विष्णु की 4 भुजाएं होती हैं। 

 

गीता के 11वें अध्याय में उनके विराट स्वरूप के अलावा चतुर्भुज स्वरूप में दर्शन देना यह सिद्ध करता है परमेश्वर का चतुर्भुज स्वरूप सुगम है। पृथ्वी पर जब-जब कोई संकट आता है, तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर करते हैं। शिव जी और विष्णु जी ने कई बार पृथ्वी पर अवतार लिया है। भगवान विष्णु के 24वें अवतार के बारे में कहा जाता है कि अभी ‘कल्कि अवतार’ के रूप में उनका आना सुनिश्चित है। यहां पढ़ें उनके 24 अवतार और विष्‍णु के खास मंत्र- 

 

 

श्री विष्णु के 24 अवतार-Avatars of Lord Vishnu

 

1. आदि पुरुष, 

2. चार सनतकुमार, 

3. आदि वराह, नील वराह

4. नारद, 

5. नर-नारायण, 

6. कपिल, 

7. दत्तात्रेय, 

8. याज्ञ, 

9. ऋषभ, 

10. पृथु, 

11. मत्स्य, 

12. कच्छप, 

13. धनवंतरी, 

14. मोहिनी, 

15. नृसिंह, 

16. हयग्रीव, 

17. वामन, 

18. परशुराम, 

19. व्यास, 

20. राम,

21. बलराम, 

22. कृष्ण, 

23. बुद्ध,

24. कल्कि। 

 

पढ़ें विष्णु जी के खास मंत्र- Lord Vishnu Mantra 

 

1. ॐ नारायणाय नम:।

2. ॐ विष्णवे नम:।

3. ॐ हूं विष्णवे नम:।

4. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

5. ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:

6. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

7. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। 

8. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

9. ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:

10. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

11. ॐ अं वासुदेवाय नम:

12. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:।


Lord Vishnu




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