गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी पर जानिए महत्व, पूजा विधि एवं पूजन के शुभ मुहूर्त

Ekadashi Worship 2021

Ekadashi Worship 2021
 

हिंदू पंचांग के अनुसार अगहन मास में श्रीमद्भागवत को देखने भर मात्र से पुण्य प्राप्त होता है। अगहन या मार्गशीर्ष माह हिंदू वर्ष का नौवां मास कहलाता है। इस महीनेभर में भगवान श्री कृष्ण का पूजन अनेक स्वरूपों में किया जाता है। मार्गशीर्ष माह में गंगा स्नान और भगवान सत्यनारायण के पूजन का खास प्रावधान है। इस माह भगवान विष्णु की उपासना करते समय सच्चे मन से मांगी गई मन्नत अवश्य पूर्ण होती है। 

 

इस मास में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मान्यतानुसार इस माह गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा इस महीने में भगवान सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए। इस माह में ही भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय कुरुक्षेत्र में अपने प्रिय मित्र अर्जुन को गीता उपदेश दिया था। अत: इसी माह मार्गशीर्ष शुक्ल ग्यारस के दिन यानी 14 दिसंबर 2021, मंगलवार को मोक्षदा एकादशी Mokshada Ekadashi और गीता जयंती (Geeta Jayanti 2021) भी मनाई जा‍ती है।

यहां जानें पूजन का शुभ समय और सरल विधि-   

 

गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी पूजा विधि- Geeta Jayanti n Mokshada Ekadashi 2021 

 

- मार्गशीर्ष शुक्ल ग्यारस के दिन गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।

- भगवान सूर्यदेव की उपासना करें। 

- एकादशी के एक दिन पूर्व से ही यानी दशमी से ही तामसिक भोजन का त्याग करें। 

- ब्रह्मचर्य रहकर एकादशी व्रत रखें। 

- गीता जयंती या मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर श्री विष्णु का स्मरण और ध्यान करके दिन की शुरुआत करें। 

- तपश्चात नित्य कर्म से निवृत्त होकर पानी में गंगाजल मिलाकर 'ॐ गंगे' का मंत्र का उच्चारण करते हुए स्नान-ध्यान करें। 

- स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करके भगवान श्री विष्णु का पीले पुष्प, पीले फल, धूप, दीप, आदि चीजों से पूजन करें। 

- आरती करके पूजन संपन्न करें। 

- गीता पाठ का अध्याय पढ़ें और एकादशी की व्रतकथा का वाचन करें। 

- आज दिनभर व्रत-उपवास रखें। 

- सायंकाल पूजन-आरती के पश्चात प्रार्थना करके फलाहार करें।

- इस व्रत में एक बार जल और एक फल ग्रहण कर सकते हैं। 

- गीता के उपदेशों को जीवन में अपनाने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 

तिथि एवं पूजन मुहूर्त Geeta Jayanti Puja Muhurat 

 

मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ सोमवार, 13 दिसंबर 2021 को रात 9.32 मिनट पर हो रहे है और मंगलवार, 14 दिसंबर 2021 को रात 11.35 मिनट पर एकादशी का समापन होगा। एकदशी व्रत और गीता जयंती 14 दिसंबर को मनाई जाएगी और इस दिन आप सत्यनारायण भगवान, भगवान कृष्ण, भगवान श्रीहरि और गीता का पूजन करके दिन का लाभ उठा सकते हैं।

Geeta Jayanti 2021 

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