यूं तो आपने कई शहरों की कई कहानियां सुनी ही होंगी, जैसे ग्वालियर शहर का नामकरण ही गालव ऋषि की तपभूमि होने के कारण माना जाता है, इसी तरह अधिकांश शहरों के नाम के पीछे भी वहां की अपनी कोई कहानी होती है। कोई महलों के लिए जाना जाता है तो कहीं प्राकृतिक सौंदर्य के नाम से शहर की पहचान होती है। वहीं मध्यप्रदेश का जिला नरसिंहपुर भगवान नृसिंह के नाम से जाना जाता है।
यहां बने एक मंदिर की ऐसी खास विशेषता है, जिसके बारे में जानकार आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल यहां मौजूद प्रतिमा को आप चाहे पास से देखें या 100 फीट दूर से इसके दर्शन करें, आपको हर जगह से प्रतिमा के दर्शन तो होंगे ही साथ ही प्रतिमा की दृष्टि भी आपकी ओर ही रहेगी।
दरअसल नरसिंहपुर में बना यह नृसिंह मंदिर करीब 6 सदी पुराना है। जिसे एक जाट राजा ने अपने आराध्य के लिए बनवाया था। उसी से इस शहर का नाम पड़ गया। इस मंदिर में एक तलघर या गर्भ गृह भी मौजूद हैं, जो साल में केवल एक बार ही पूजन के लिए खुलता है।
Must Read- जानें श्री नृसिंह जी की पूजा विधि और कथा
इतिहासकारों के अनुसार नरसिंहपुर का नृसिंह मंदिर 600 साल से अधिक पुराना है। इसे उप्र के बुलंदशहर के जाट राजा नाथन सिंह ने बसाया था। वे यहां उप्र से आए थे तब मानिकपुर, नागपुर, कटनी तक पिंडारियों का आतंक था। तब नागपुर के राजा ने पिंडारियों के सरदार को पकड़कर लाने पर भारी इनाम रखा था।
ऐसा कहा जाता है कि उस समय जाट राजा नाथन सिंह बाहुबल से संपन्न व श्रेष्ठ योद्धा माने जाते थे, उन्होंने पिंडारियों के राजा को पकड़कर राजा के दरबार में पेश कर दिया।
Must Read- नंदा सप्तमी / Nanda Saptami 2021: नंदा देवी की पूजा का महत्व,शुभ समय व पूजा विधि
तब नागपुर के राजा ने जाट राजा नाथन सिंह को 80 गांव समेत 200 घुड़सवार ईनाम में दिए थे। जिसमें वर्तमान नरसिंहपुर भी शामिल था। इसके बाद नाथन सिंह ने अपने ईष्ट देव भगवान नृसिंह का मंदिर बनवाया और उन्हीं के नाम से नरसिंहपुर बसाया।
मंदिर के पुजारियों के अनुसार मंदिर में विराजमान भगवान नृसिंह की प्रतिमा गर्भ गृह के एक स्तंभ पर विराजमान है। मंदिर का निर्माण वेदोक्त विधि से किया गया है। मंदिर के गर्भगृह को साल में नृसिंह जयंती के अवसर पर खोला जाता है। जहां विशेष पूजन अर्चन करने लोगों जाने का अवसर मिलता है। प्रतिमा की सबसे खास बात ये है कि जो भी श्रद्धालु यहां आते हैं वे पास से देखें या 100 फीट दूर सड़क पर खड़े होकर दर्शन करें, उन्हें प्रतिमा के दर्शन होंगे और प्रतिमा की दृष्टि उनकी ओर ही होगी।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3yfporj
EmoticonEmoticon