Vinayaka Chaturthi 2021: विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, महत्व और पूजन सामग्री की लिस्ट

Vinayaka Chaturthi 2021: हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देव भगवान श्री गणेश हैं, जो आदि पंच देवों में भी शाामिल हैं। ऐसे में किसी भी शुभ व मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से किए जाने का विधान है।

अन्य देवों को समर्पित तिथियों के अनुसार ही चतुर्थी तिथि प्रथम पूजनीय भगवान गणेश जी को समर्पित है। ऐसे में हर माह की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

माना जाता है कि चतुर्थी तिथि के दिन भगवान श्री गणेश का व्रत (Ganpati Vrat) रखने से वे भक्तों के समस्त विघ्नों का हरण करने के साथ ही प्रसन्न होकर उन पर कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं।

Blessing Of Lord Shri Ganesh Ji

ऐेसे में हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का पर्व आता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है, जिसके चलते इस तिथि पर भगवान श्रीगणेश जी की विधि- विधान से पूजा-उपासना की जाती है।
भगवान श्री गणेश के प्रथम पूज्य होने के कारण किसी भी शुभ कार्य से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश का एक नाम विनायक भी है।

वहीं मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है, वह आज ही है। माना जाता है कि भगवान गणेश की विनायक चतुर्थी के दिन विधि-विधान से की गई अराधना व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।

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Shri ganesh head

मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी 2021 का शुभ मुहूर्त
मंगलवार, दिसंबर 07, 2021 : मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी शुरु - 02:31 AM
मंगलवार, दिसंबर 07, 2021 : मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी का समापन - 11:40 PM

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार मार्गशीर्ष या अगहन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chturthi 2021) के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि-विधान के साथ व्रत और पूजन किया जाता है। वहीं मान्यता है कि भगवान गणेश का पूजन (Bhagwan Ganesh Pujan) दोपहर के समय करना उत्तम यानि शुभ माना जाता है।

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पूजा विधि : विनायक चतुर्थी
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के पश्चात घर के मंदिर की सफाई कर दीप प्रज्वलित कर लें। अब दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से अभिषेक करें।
इसके पश्चात भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाकर उन्हें सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें।
दअरसल भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय होता है। और माना जाता है जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

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Shri Ganesh puja vidhi

फिर भगवान श्रीगणेश की आरती के पश्चात उन्हें भोग लगाएं। भोग में गणेश जी को मोदक या लड्डू चढ़ा सकते हैं।
मान्यता है कि इस पूरे दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करना चाहिए, साथ ही यदि संभव हो तो इस दिन व्रत भी अवश्य रखें।

ऐसे समझें विनायक चतुर्थी महत्व
माना जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित मिलता है। साथ ही विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने से विघ्न भी दूर हो जाते हैं।

विनायक चतुर्थी की पूजा सामग्री
भगवान श्री गणेश का चित्र या प्रतिमा, लाल वस्त्र,जनेऊ,कलश,नारियल, पंचामृत,पंचमेवा,गंगाजल,रोली,मौली लाल आदि।



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