देश में अनेक चमत्कारिक मंदिर आज भी मौजूद हैं, जिनसे जुड़ी अनेक कथाओं के बारे में समय समय पर जानकारी मिलती रहती है। लेकिन क्या आप जानते है कि देश में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां ट्रेनों की गति भी खुद-ब-खुद धीमी हो जाती है, यहां तक कि ये उन्हें प्रणाम करने के लिए रूक भी जाती है। हम बात कर रहे हैं देश के दिल मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के बोलाई गांव में स्थित एक ऐसे चमत्कारिक हनुमान मंदिर की जिसका नाम है, श्री सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर।
दरअसल यह मंदिर रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रेक के बीच बोलाई स्टेशन से करीब 1 किमी की दूरी पर मौजूद है। इस मंदिर के संबंध में बताया जाता है कि ये मंदिर कई सौ साल पुराना है। माना जाता है कि यहां भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जिसके चलते यहां हर शनिवार, मंगलवार और बुधवार को दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
मान्यता है कि इस मंदिर में हनुमानजी, भगवान गणेशजी के साथ विराजमान हैं। ऐसे में यहां स्थापित हनुमान प्रतिमा के बाएं बाजू पर श्री सिद्धि विनायक गणेशजी विराजित हैं। एक ही प्रतिमा में दोनों भगवान होने से ये प्रतिमा अत्यंत पवित्र, शुभ और फलदायी मानी जाती है।
इस मंदिर के संबंध में यहां तक कहा जाता है कि यहां आने वाले लोगों को भविष्य की घटनाओं की भी पहले से ही अनुभूति होने लगती है। इस तरह इस मंदिर से कई चमत्कार जुड़े हुए हैं।
जिनमें से सबसे प्रमुख यह है कि इस मंदिर के सामने से जब भी कोई भी ट्रेन निकलती है तो उसकी स्पीड अपने आप कम हो जाती है।
इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों पहले रेलवे ट्रैक पर दो मालगाड़ी आपस में टकरा गईं थी। बाद में दोनों गाड़ियों के पायलट ने बताया था कि उन्हें घटना के कुछ देर पहले ही इस अनहोनी का पूर्वाभास हो गया था। उन्हें ऐसा लगा था मानों कोई उन्हें ट्रेन की रफ्तार कम करने के लिए कह रहा हो, लेकिन उन्होंने रफ्तार को कम नहीं किया और इस कारण टक्कर हो गई। तभी से यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार कम की जाने लगी।
कहा जाता है कि अब तो यदि कोई ड्राइवर ट्रेन की गति को कम करने को नजरअंदाज भी करता है तो भी ट्रेन की स्पीड अपने आप ही कम हो जाती है।
भविष्य बताने वाले हनुमानजी : कहा जाता है कि यहां जो भी आता है उसे उसके जीवन में क्या घटेगा उसका पूर्वाभास उसे हो जाता है। कहते हैं कि मंदिर में विराजमान हनुमानजी भक्तों को उनका अच्छा या बुरा सभी प्रकार का भविष्य बता देते हैं जिसके चलते भक्त सतर्क हो जाते हैं। कई लोगों का दावा है कि उन्हें अपने भविष्य का यहां अहसास हुआ है। इस अजीब रहस्य के कारण इस मंदिर और यहां के हनुमानजी के प्रति लोगों की आस्था बढ़ गई है और यहां पर दूर दूर से लोग हनुमानजी के दर्शन करने आने लगे हैं।
एक ओर जहां कुछ लोग इस मंदिर को 600 साल पूराना बताते हैं तो वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है। कहते हैं कि मंदिर का निर्माण ठा. देवीसिंह ने करवाया था। यहां वर्ष 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्याग कर इस स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया और यहां पर उन्होंने 24 वर्षों तक कड़ी तपस्या कर सिद्धियां प्राप्त की थी। इसलिए यह मंदिर बहुत ही सिद्ध मंदिर माना जाता है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3xBCuyg
EmoticonEmoticon