आत्मा में परमात्मा बनने की संभावना, पर गुणों की उपस्थिति जरूरी : आचार्य विजयमुक्ति प्रभुसूरि

जैन आचार्यों सहित 65 संत साध्वियों का पहली बार मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आगमन हुआ। इस दौरान आचार्य विजयमुक्ति प्रभसूरि, आचार्य विजय अक्षय भद्र सूरि और आचार्य विजयपुण्य प्रभ सूरि ससंघ राजधानी पहुंचे। जैन आचार्यों और संतों के पहली बार नगर आगमन से जैन श्रद्धालुओं में खुशी की लहर देखने को मिली।

इस मौके पर अपने आशीष वचन में आचार्य विजयमुक्ति प्रभुसूरि ने कहा कि हमारी आत्मा में परमात्मा बनने की पूर्ण संभावना है, परंतु अपनी आत्मा में जब तक तनिक मात्र भी दोष हैं और गुणों की अनुपस्थिति है तो आत्मा परमात्मा नहीं बन पाएगी।

मोक्ष पथ पर आगे बढऩे का सीधा सरल मार्ग है, आत्मा में अप्रकट रूप से जितने भी गुण है उन सभी का प्रकटीकरण करें और जितने भी दोष है उनका विलीनीकरण करो। प्रवचन के बाद संघ महावीर गिरी तीर्थ पहुंचे यहां भगवान महावीर के दर्शन और पूजा अर्चना की गई। गुरुवार को सुबह 8 बजे से महावीर गिरि तीर्थ में मंगल अभिषेक और आशीषवचन हुए।

इससे पहले आचार्य और संत साध्वियों के नगर प्रवेश के बाद लालघाटी चौराहे पर श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ ट्रस्ट एवं महावीर गिरी तलहटी संघ पंचवटी श्वेतांबर महिला मंडल, बहुमंडल, यूथ क्लब की ओर से बुधवार को हर्ष-हर्ष जय-जय की मंगलमय ध्वनि के साथ जय-जय गुरूदेव के जयकारों के बीच अगवानी की गई। इसके बाद अगवानी शोभायात्रा निकली।

इसमें धर्मध्वाजाओं के साथ दिव्यघोष की मंगल ध्वनि गुंजायमान हो रही थी। विभिन्न मार्गों से होते हुए यह शोभायात्रा पंचवटी जिनालय पहुंची। यहां मूलनायक भगवान सीमंधरस्वामी के दर्शन आचार्य संघ ने किए, इसके बाद भीखमचंद भंडारी के निवास परिसर में पहुंचकर शोभायात्रा धर्मसभा में परिवर्तित की गई। अंशुल जैन ने बताया कि इस मौके पर भोपाल की ममुक्षु प्रभुति ओस्तवाल द्वारा गुरु पूजा की गई, इसके साथ ही राजेश तांतेड़ ने आचार्य संघ की वंदना की। गुरुस्तुति महाराष्ट्र से आए दिलीप भाई शाह ने की।

जैन मुनियों का अशोका गार्डन में प्रवेश
इधर अशोका गार्डन जैन मंदिर में जैन मुनि आराध्य सागर महाराज, मुनि साध्य सागर महाराज का अशोका गार्डन में प्रवेश हुआ। इस दौरान समाज के लोगों ने जैन मुनियों की अगवानी की। श्रावकों ने घरों के सामने जैन मुनियों का पाद प्रक्षालन किया। घरों के समक्ष रंगोली सजाई गई थी। जैन समाज के लोग जयघोष लगाते हुए चल रहे थे, वहीं महिला मंडल, बालिका मंडल और पाठशाला परिवार के सदस्य अपनी वेशभूषा में चल रहे थे। प्रवक्ता अंकित जैन ने बताया कि परिहार चौराहे से शोभायात्रा के रूप में मुनि जैन मंदिर पहुंचे।



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