रत्नों को पहन रहे हैं तो सामान्य 12 नियम जान लीजिए

neelam ratna stone

Ratna dharan karne ke niyam : किसी भी प्रकार का रत्न या धातु धारण करने के पहले किसी ज्योतिष से सलाह जरूर लेना चाहिए क्योंकि प्रत्येक रत्न का अपना अलग प्रभाव होता है। किसे कौनसा रत्न पहनना चाहिए और कौनसा नहीं यह जानना भी जरूरी है। आओ जानते हैं रत्न धारण करने के नियम।

 

1. रत्न मैत्री : कुछ लोगों मोती के साथ नीलम भी धारण कर लेते हैं। मोती चंद्र का और नीलम शनि का रत्न होता है। यह दोनों ही ग्रहों में आपसी शत्रुता होती है। इसी तरह माणिक्य के साथ भी नीलम धारण नहीं कर सकते हैं। यदि दो रत्न धारण कर रहे हैं तो रत्न मैत्री और शत्रुता जरूर देखें। इसके लिए पंचधा मैत्री चक्र भी देखें। यदि जन्मपत्रिका में एकाधिक रत्नों के धारण की स्थिति बन रही हो तो वर्जित रत्नों का भी पूर्ण ध्यान रखना अति-आवश्यक है।

 

2. कुंडली : अपने मन से रत्न धार न करें। अपनी जन्म पत्रिका को किसी ज्योतिष को दिखाकर ही उसकी सलाह के अनुसार ही रत्न धारण करें। सामान्यतः ज्योतिषीगण राशि रत्न, लग्नेश का रत्न, विवाह हेतु गुरू-शुक्र के रत्न धारण करने की सलाह देते हैं, लेकिन कुंडली की जांच करना भी जरूरी है।

 

3. जन्मपत्रिका : किसी रत्न को धारण करने से पूर्व उसके अधिपति ग्रह की जन्मपत्रिका में स्थिति एवं अन्य ग्रहों के साथ उसके संबंध का अध्ययन करना चाहिए। यह भी देखा जाना आवश्यक है कि जिस ग्रह का रत्न आप धारण कर रहे हैं वह जन्मपत्रिका में किस प्रकार के योग का सृजन कर रहा है या किस ग्रह की अधिष्ठित राशि का स्वामी है। 

4. खंडित रत्न : रत्न धारण करने के पहले यह भी जान लेना चाहिए कि जो रत्न धारण कर रहे हैं वह शुद्ध है या नहीं। नहीं नकली या अशुद्ध तो नहीं है। कभी खंडित रत्न न पहनें।

 

5. रत्ती : रत्न धारण करने के पहले भी भी जान लें कि आपको कौनसा रत्न कितने रत्ती का पहनना है। 

 

6. विशेष तिथि : प्रत्येक रत्न को धारण करने का दिन और विशेष तिथि होती है। इसे जाकर ही उस समय ही रत्न धारण करें।

 

7. निर्धारित अंगुली : रत्नों की उनकी निर्धारित अंगुली में ही पहनना चाहिए। 

 

8. रत्न की धातु : यह भी जान लें कि कौनसा रत्न किसी धातु में जड़ित है। जैसे माणिक्य या मोती को लोहे की अंगुठी में नहीं पहन सकते हैं। रत्न को हमेशा उससे संबंधित धातु में ही पहनना चाहिए।

 

9. स्पर्श : रत्न आपकी त्वचा से स्पर्श करता हुआ होना चाहिए। तभी आपको उसका फायदा होगा।

 

10. पहना हुआ रत्न: किसी दूसरे का पहना हुआ रत्न धारण न करें।

 

11. नीलम और हीरा : नीलम और हीरा सभी लोगों को धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव ज्यादा होता है। यह नुकसान भी पहुंचा सकता है।

 

12. कुंडली के अनुसार सावधानी रखें:-

* चंद्र 12वें या 10वें घर में है तो मोती नहीं पहनना चाहिए।

* राहु 12वें, वें11, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद नहीं पहनना चाहिए।

* तीसरे और छटे भाव में केतु है तो लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए।

* बुध तीसरे या 12वें हो तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए।

‍* शनि लग्न, पंचम या 11वें स्थान पर हो तो नीलम नहीं।

* तीसरे, पांचवें और आठवें स्थान पर शुक्र हो तो हीरा नहीं पहनना चाहिए।

* धनु लग्न में यदि गुरु लग्न में है तो पुखराज या सोना केवल गले में ही धारण करना चाहिए हाथों में नहीं। यदि हाथों में पहनेंगे तो ये ग्रह कुंडली के तीसरे घर में स्थापित हो जाएंगे।



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