इन दिनों आषाढ़ मास चल रहा है, और श्रावण मास की तरह इस महीने भी शिव जी पूजा का लाभ देते हैं। जानिए कैसे...
शिवपुराण अनुसार भगवान विष्णु ने पूरे जगत के सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा को अलग-अलग तरह के शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी। विश्वकर्मा ने अलग-अलग पदार्थो, धातु व रत्नों से शिवलिंग बनाए। जैसे पारद, मिश्री, जौ, चावल, भस्म, गुड़, फल फूल, स्वर्ण रजत, मिट्टी, दही, मक्खन, हीरे, मोती, मणि, मूंगा, नाग, पार्थिव, तांबा, इंद्रनील, पुखराज, पद्मराग, पीतल, लहसुनिया, रत्न, चंदन, स्फटिक आदि से शिवलिंग बनाए गए।
सभी शिवलिंग के नाम भी अलग-अलग दिए गए और सभी का प्रभाव भी अलग-अलग बताया गया। आओ जानते हैं कि आषाढ़ मास में मिश्री के शिवलिंग की पूजा करने के क्या लाभ हैं।
मिश्री शिवलिंग:-
1. चीनी या मिश्री से बने शिवलिंग को मिश्री शिवलिंग कहा जाता है।
2. कहते हैं कि इस की पूजा करने से रोगों का नाश होकर पीड़ा से मुक्ति मिलती हैं।
3. यदि आपके घर परिवार में किसी को किसी भी प्रकार का रोग है या तबियत खराब है तो मिश्री से बने शिवलिंग की विधिवत पूजा करने से रोगी का रोग दूर हो जाता है।
4. इस शिवलिंग को बनाने की विधि, पूजा विधि और मंत्र को अच्छे से किसी जानकार से पूछकर ही विधिवत पूजा करें।
5. मिश्री शिवलिंग पति-पत्नी के रिश्तों में मिठास लाते हैं। चंद्र के दोषों से मुक्ति दिलाते हैं।
6. मिश्री शिवलिंग से विवाह योग्य युवक-युवतियों के रिश्ते आना शुरू हो जाते हैं।
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