जन्म समय के योग : इस वर्ष 31 अगस्त बुधवार को वे सारे योग-संयोग बन रहे हैं, जो गणेश जी के जन्म के समय पर बने थे। जैसे वार बुधवार, तिथि चतुर्थी, नक्षत्र चित्रा और मध्याह्न काल यानी दोपहर का समय। इन्हीं योग संयोग में माता पार्वती ने मिट्टी से गणेशजी को बनाया था।
चार राजयोग : वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल गणपति के जन्म काल के समय 1.वीणा, 2.वरिष्ठ, 3.उभयचरी और 4.अमला नाम के योग बन रहे हैं। इन चार राजयोगों के बनने से इस बार गणेश स्थापना बेहद शुभ रहेगी।
अन्य शुभ योग : 1.रवि योग, 2.शुल्क योग, 3.सुनफायोग, 4.वाशी योग, 5.ब्रह्म योग, 6.लंबोदर योग, 7.कालदण्ड और 8. धूम्र योग।
ग्रह संयोग : इस दिन चार ग्रह अपनी स्वराशि में रहेंगे। बृहस्पति मीन में, शनि मकर में, बुध कन्या में और सूर्य सिंह राशि में विराजमान रहकर शुभ योग निर्मित करेंगे।
दुर्लभ लंबोदर योग : गणेश उत्सव के 10 दिनों में रोज कोई न कोई शुभ योग बन रहा है और एक ऐसा दुर्लभ योग भी बन रहा है जो पिछले 300 सालों में नहीं बना। इस योग को लंबोदर योग कहा जा रहा है जो कि गुरु ग्रह से बन रहा है जिसे देह स्थूल योग भी कहते हैं। गणेशजी का एक नाम लंबोदर ही है।
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