पंच महापुरुष राजयोग क्या है | Panch mahapurush yoga Kya hai: कुंडली में पंच महापुरुष मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि होते हैं। इन 5 ग्रहों में से कोई भी मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठे हैं तो श्रेष्ठ हैं। केद्र में अर्थात पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में बैठे हैं तो। मूल त्रिकोण में पहला, पांचवां और नौवां भाव आता है। केंद्र को विष्णु का स्थान कहा गया है। महापुरुष योग तब सार्थक होते हैं जबकि ग्रह केंद्र में हों। विष्णु भगवान के 5 गुण होते हैं। भगवान रामचन्द्र और श्रीकृष्ण की कुंडली के केंद्र में यही पंच महापुरुष विराजमान थे।
ये हैं वे पांच महायोग : उपरोक्त 5 ग्रहों से संबंधित 5 महायोग के नाम इस तरह हैं- मंगल का रुचक योग, बुध का भद्र योग, गुरु का हंस योग, शुक्र का माल्वय योग और शनि का शश योग होता है।
कब बनने जा रहा है महापुरुष योग : ज्योतिषीय गणना के मुताबिक 23 अक्टूबर को मकर राशि में शनि ग्रह के मार्गी होने सेस कुछ राशियों में महापुरुष राजयोग बनेगा। मेष, धनु और मीन में यह योग प्रबल रहेगा।
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महापुरुष योग का क्या होगा असर :
1. शनि का शश योग : शनि ग्रह के कारण बनने वाला शश योग है। इस योग से हर कार्य में तुरंत मिलती है सफलता।
2. मंगल का रुचक योग : इससे साहस और पराक्रम बढ़ जाता है, जिसके चलते सफलता कदम चूमती है। उच्च पद मिलता है।
3. बुध का भद्र योग : इससे बुद्धि, चतुराई, तर्क और वाणी का प्रभाव बढ़ जाता है। कौशल, लेखन, गणित, कारोबार और सलाहकर के क्षेत्र में सफल रहता है।
4. गुरु का हंस योग : इससे भाग्य हर कदम पर साथ देता है। सुख-समृद्धि, संपत्ति, आध्यात्मिक विकास, ज्ञान सभी कुछ बढ़ जाता है।
5. शुक्र का माल्वय योग : इससे सुख सुविधा और ऐश्वर्य बढ़ जाता है। सौंदर्य, कला, काव्य, गीत, संगीत, फिल्म और इसी तरह के कार्यों में वह सफलता अर्जित करता है।
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