बड़ी खबर: महाकाल मंदिर में इस दिन नहीं होगी पूजा

दीपावली पर्व के तीसरे दिन (मंगलवार, 25 अक्टूबर) खंडग्रास सूर्यग्रहण रहेगा। यह साल का आखिरी सूर्यग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई देगा। ऐसे में जहां दिवाली, नर्कचतुर्दशी के दिन ही मनाई जाएगी वही दिवाली ओर गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का गेप आएगा। यानि 24 अक्टूबर को दिवाली मनाने के पश्चात 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी। इससे पहले शनिवार, 30 अप्रैल को सूर्यग्रहण हुआ था, लेकिन वह भारत में दृश्य नहीं था।

वहीं इस बार मंगलवार, 25 अक्टूबर का सूर्यग्रहण भारत में दृश्य होगा ऐसे में इस दौरान उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर यानि महाकाल मंदिर में भी ग्रहणकाल के दौरान पूजा-अर्चना नहीं होगी। वहीं इसके बाद शुद्धिकरण के पश्चात ही बाबा को स्पर्श किया जा सकेगा। वहीं दर्शनार्थी दूर से ही दर्शन कर सकेंगे।

ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार यह स्थिति दिवाली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को आ रही है। इस दिन सूर्यग्रहण के चलते पवित्र नदी के तट पर देव प्रतिमा के समक्ष ग्रहण लगने के पूर्व स्नान करके दीपक, अगरबत्ती लगाकर संकल्पित मंत्र का जाप करें, तो मंत्र सिद्ध हो जाता है।

जब-जब सूर्यग्रहण आए, तब-तब मंत्र का जाप करें। ग्रहण का स्पर्श शाम 4.42 से होकर इसका मोक्ष 6 बजकर 30 मिनट पर होगा। सूर्यास्त शाम 5 बजकर 50 मिनट पर और मोक्ष सूर्यास्त के बाद होने से यह ग्रहण ग्रस्तात होगा। अत: मोक्ष के बाद बुधवार सुबह सूर्य दर्शन के बाद ग्रहण के सूतक से मुक्ति होगी। मंदिरों में मंगलवार सूर्योदय पूर्व से देवस्पर्श, पूजन, आरती, भोग नहीं होगा। वहीं बुधवार, 26 अक्टूबर को प्रात: सूतक समाप्त होने पर मंदिर देवस्थानों पर पूजन-भोग व आरती होगी।

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गुरुनानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा साथ
वहीं दूसरी ओर 8 नवंबर को चंद्रग्रहण रहेगा। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने लाखों श्रद्धालु शहर आएंगे। सिख समाज के जत्थेदार सुरेंद्रसिंह अरोरा ने बताया कि 8 को ग्रहण होने से गुरु नानक देव जी की जयंती पर हर साल निकलने वाला नगर कीर्तन 7 को ही निकाला जाएगा। यह दोपहर 2 बजे गुरुनानक घाट से आरंभ होगा और दूधतलाई गुरुद्वारा पर समाप्त होगा। इन दिनों प्रतिदिन प्रभातफेरियां निकाली जा रही हैं।

15 दिन के अंतराल में दो ग्रहण होंगे
इस वर्ष कार्तिक मास में 15 दिन के अंतराल से दो ग्रहण आ रहे हैं। प्रथम कार्तिक कृष्ण अमावस मंगलवार 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण तथा दूसरा कार्तिक शुक्ल 15 मंगलवार 8 नवंबर का होने वाला चन्द्रग्रहण अतिपूर्वी भारत में दिखाई देगा। जिसका स्नान-दान का पालन हमारे क्षेत्र में आवश्यक नहीं है, किन्तु हमारे देश में एक पक्ष में दो ग्रहण होने का फल तो अवश्य होगा।

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वृषभ, सिंह, धनु व मकर राशि वालों को ग्रहण शुभ है। मेष, मिथुन, कन्या व कुम्भ राशियों पर मध्यम फलदायी है। कर्क, तुला, वृश्चिक व मीन राशि वालों को नेष्ट फल करेगा। जिन राशियों पर नेष्ट है, वे ग्रहण के दर्शन नहीं करें। ग्रहण के समय जाप, पूजन व साधना करें। तांबे के कलश में घृत (घी) भरकर उसमें सुवर्ण का सूर्य बिंब डाल देवें और अन्न, वस्त्र, दक्षिणा सहित दान करें।



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