किस दिशा में लगाएं : वास्तु शास्त्र के अनुसार अपराजिता के पौधे को घर की पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में लगाना चाहिए। उत्तर-पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं। यह दिशा देवी देवताओं और भगवान शिव की दिशा मानी गई है।
कब लगाएं अपराजिता : गुरुवार को यह पौधा लगाने से श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और शुक्रवार को इस पौधे को लगाने से घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। हालांकि इस पौधे को लगाने का सबसे अच्छा मौसम वसंत ऋतु का मौसम होता है। इस ऋतु में कभी भी लगाएं।
कैसे लगाएं अपराजिता का पौधा | How to plant Aparajita:
- अच्छी और साफ मिट्टी का उपयोग करें। साथ में बालू रेत भी लें। यानी इसे लगाने के लिए रेतीली और उपजाऊ मिट्टी का उपयोग करें।
- गमले में लगा रहे हैं तो गार्डन सोइल, खाद और रेत का बराबर मिश्रण मिट्टी के रूप में उपयोग करें।
- बड़ा गमला लें और उसमें पहले छोटे पत्थर रेत डालें और फिर मिट्टी। फिर रेत और फिर मिट्टी डालें। इस तरह 3-4 रेयर बनाएं।
- मिट्टी के मिश्रण में कोको पीट या पीट मॉस का प्रयोग भी कर सकते हैं। या आप चाहे तो गोबर को उपयोग भी कर सकते हो।
- अप पौधे की जड़ों मिट्टी में अच्छे से दबाएं और ऊपर से बची हुई सारी मिट्टी डाल दें।
- एक बार अच्छे से पानी डाल दें ताकी जड़ और मिट्टी अच्छे से सेट हो जाए।
- यदि आप बीज लगाकर पौधा उगाएंगे तो उसे उगने में 6 से 8 महीने का समय लगता है।
- मिट्टी में बड़ी अंगुली से एक इंच का छेद करें और उसमें बीज को डालकर ढक दें। हर बीच के बी 3-4 इंच की दूरी रखें।
- अपराजिता पौधे के गमले को धूप वाले स्थान पर रखें, जहां उसे कम से कम रोजाना 3-4 घंटे धूप मिल सके।
- पौधे को नियमित रूप से उचित मात्रा पानी देते रहें और अपराजिता फूल के पौधों की निराई हर 10-15 दिन में करें।
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