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1. खग्रास चंद्र ग्रहण : वर्ष 2022 के दूसरे चंद्र ग्रहण को खग्रास चंद्रग्रहण कहा जा रहा है हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह आंशिक रूप से ही दिखाई देगा।
2. कब लगेगा चंद्र ग्रहण : नई दिल्ली टाइम के अनुसार यह ग्रहण 8 नवंबर 2022 मंगलवार को शाम 5.32 पर प्रारंभ होगा और 6.18 पर समाप्त होगा। हर शहर में इसके प्रारंभ होने के समय अलग अलग रहेगा।
3. सूतक काल : इस चंद्र ग्रहण का सूतककाल सुबह 9.21 बजे प्रारंभ होगा और शाम 6.18 बजे समाप्त होगा। मान्यता के अनुसार इसका सूतक काल ग्रहण के प्रारंभ होने के 9 घंटे पूर्व ही प्रारंभ हो जाता है जो ग्रहण के समाप्त होने तक रहना है।
4. ग्रहण का मोक्ष काल : इस ग्रहण का मोक्ष काल 7.25 पर रहेगा। यानी इसके बाद ही भोजन ग्रहण किया जा सकता है और मंदिर के कपाट खोले जा सकते हैं।
5. विश्व में कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण : यह चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, एशिया, दक्षिण और उत्तरी अमेरिका, उत्तरी-पूर्वी यूरोप, प्रशांत महासागर, पेसिफिक, अटलांटिक और हिन्द महासागर के अधिकांश भागों में दिखाई देगा।
6. भारत में कहां दिखाई देगा ग्रहण : भारत में यह चंद्र ग्रहण पूर्ण रूप से सिर्फ पूर्वी भागों में दिखाई देगा, बाकी जगहों पर आंशिक ग्रहण रहेगा। भारत के कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची और गुवाहाटी एवं उसके आसपास के शहरों से इस ग्रहण को स्पष्ट देखा जा सकता है। अन्य शहरों में चंद्रोदय के समय देख सकते हैं।
7. किस राशि पर शुभ और किस पर अशुभ है ग्रहण : यह ग्रहण मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर और मीन के लिए अशुभ। मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ के लिए शुभ है।
8. चंद्र ग्रहण का प्रभाव : चंद्र ग्रहण के चलते देश और दुनिया में बदलाव देखने को मिलेंगे। किसी भी ग्रहण के पूर्व और बाद में भूकंप आते हैं। प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाती है। इस बार के चंद्र ग्रहण से आंधी, भूकंप या भूस्खलन होने की संभावना के बीच घटना और दुर्घटनाएं बढ़ जाएगी जिसके चलते देश में तनाव और डर का माहौल बनेगा। समुद्री क्षेत्रों में ग्रहण का असर ज्यादा होने के कारण आंधी तूफान की आशंका है। देश में औद्योगिक कार्यों में गिरावट के चलते उत्पादन पर असर पड़ेगा जिसके चलते आने वाले समय में महंगाई बढ़ने की संभावना है।
9. वर्षों के बाद ऐसा संयोग : 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण के बाद 15 दिनों के अंतराल में 8 नवंबर को अब चंद्र ग्रहण लग रहा है ऐसे वर्षों बाद हुआ था। कहते हैं कि महाभारत काल में ऐसा हुआ था जिसके चलते युद्ध की नौबत आ गई थी। 27 वर्षों के बाद ऐसा भी संयोग बना है कि इस बार दिवाली पर सूर्य ग्रहण और देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण है।
10. बचकर रहें ग्रहण से, अपनाएं ये नियम : चंद्र ग्रहण में सूतक काल के नियमों का पालन करें। गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस दौरान दातून न करें। कठोर वचन बोलने से बचें। बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें। घोड़ा, हाथी की सवारी न करें। ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें। कैंची का प्रयोग न करें। घास, लकड़ी एवं फूलों को तोड़ने की मनाही है। मंदिर न जाएं, पूजा पाठ न करें। गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें। शयन और यात्रा न करें।
ग्रहण के बाद यदि तीर्थ स्थान का जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें, स्नान के बाद बालों को न निचोड़ें बल्कि हल्के से पोछकर सूखा लें। ग्रहण के बाद जल में तुलसी का पत्ता डालकर ही उसका सेवन करें। ग्रहण के बाद ही भोजन बानाकर खाएं। चंद्र ग्रहण के बाद कुछ खास चीजों का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा जीवन में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचाव होता हैं।
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