15 देवी-देवताओं के शुभ मंत्र जो पूजा के समय याद होना चाहिए


हम किसी न किसी देवी या देवता को मानते हैं और उनके मंदिर भी जाते हैं लेकिन हमें उनके लिए बोलने वाले मंत्र नहीं पता होते हैं। यहां प्रस्तुत है 15 देवी और देवताओं के शुभ मंत्र जो पूजा के समय मन ही मन जपने के काम आएंगे....  

श्री गणेश

वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ 

निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा!!


श्री महादेव 

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्!!


श्री हरी विष्णु 

मंगलम् भगवान विष्णुः, 

मंगलम् गरुड़ध्वजः।

मंगलम् पुण्डरी काक्षः, 

मंगलाय तनो हरिः॥


श्री ब्रह्मा 

ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा नमस्ते परमात्मने।

निर्गुणाय नमस्तुभ्यं सदुयाय नमो नम:।।


श्री कृष्ण 

वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। 

देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।।


श्री राम 

श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे 

रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !


मां दुर्गा 

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते


मां महालक्ष्मी 

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद 

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥


मां सरस्वती

ॐ सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।

विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।


मां महाकाली

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा।


श्री हनुमान 

मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥


श्री शनिदेव 

ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||


श्री कार्तिकेय

ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात'


काल भैरव

काल भैरवाय नम:।
ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्।


गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥





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