क्या है केंद्र त्रिक्रोण राजयोग : जब कुंडली के 1, 4, 7, 10 में 1, 5, 9 का समीकरण बनता है तो इसे त्रिकोण राजयोग कहते हैं। केंद्र भाव को विष्णु का भाव और 1ले, 5वें और 9वें भाव को लक्ष्मी का भाव माना जाता है। केंद्र और त्रिकोण मिलकर राजयोग बनाते हैं। जब केंद्र भाव के स्वामी ग्रह पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में या त्रिकोण भाव में हों या इनकी युति बन रही हों तो यह योग बनता है।
इस राजयोग का प्रभाव : इससे जातक के धन में वृद्धि होती है। करियर और नौकरी में उन्नति होती है। व्यापार में मुनाफा बढ़ जाता है। घर और परिवार में खुशियां रहती है। जातक राजा के समान जीवन यापन करता है।
केंद्र त्रिकोण राजयोग : केंद्र त्रिकोण राजयोग का मिथुन, कन्या और मीन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा।
त्रिग्रही योग : त्रिग्रही योग का वृषभ, सिंह, वृश्चिक और मकर राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा।
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