1. हस्तरेखा के अनुसार हथेली के बीचोबीच राहु और मणिबद्ध अर्थात कलाई में केतु का स्थान होता है जबकि लाल किताब के अनुसार कलाई में राहु और केतु दोनों होते हैं। जीवनरेखा की समाप्ति स्थान कलाई के ऊपर पर बना राहु पर्वत होता है वहीं पास में केतु पर्वत होता है।
2. हाथ में केतु पर्वत मणिबंध के ऊपर, शुक्र और चंद्र पर्वत के बीच में होता है।
3. राहु का निशान आड़ी-तिरछी रेखाओं से बना जाल सा होता है, जबकि केतु का निशान लंबी रेखा के नीचे एक अर्द्धवृत सा होता है।
4. हस्तरेखा के अनुसार केतु पर्वत पर बना क्रॉस का निशान अशुभ होता है।
5. कहते हैं कि क्रॉस का निशान होने से बचपना कष्टों से गुजरता है, शिक्षा में रुकावट आती है, आर्थिक हालात की कमजोर रहते हैं और घटना दुर्घटना के कारण शरीर में चोट के निशान रहते हैं।
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