1. ग्रहों का करें दान : ज्योतिष विद्वानों के अनुसार अष्टमी को चंद्रमा, नवमी तिथि को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र और द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। इसलिए इन ग्रहों का उस दिन दान करना चाहिए।
2. द्वार पर बनाएं स्वास्तिक : घर का जो मुख्य द्वार होता है वहां उसके आसपास चावल को पीसकर हल्दी में मिलाएं और फिर उससे स्वास्तिक बनाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहेगी।
3. कपूर जलाएं : यदि घर में कलेश हो तो इससे छुटकारा पाने के लिए इन 8 दिनों तक लगातार मिट्टी के दीए में कर्पूर रखकर जलाएं और उसे पूरे घर में घूमाएं। इसे गृहकलेश से छुटकारा मिलेगा।
4. नारियल घुमाएं : यदि घर परिवार में कोई व्यक्ति रोग से ग्रस्त हो तो उसके सिर पर से पानीदार जटा वाला नारियल लेकर 7 या 11 बार उल्टी दिशा में घुमाकर उस नारियल को बाहर किसी स्थान पर जला दें या पानी में बहा दें। इससे रोगी को आराम मिलेगा।
5. शिवलिंग पर चढ़ाएं जल और बेलपत्र : 8 दिनों तक लगातार शिवलिंग पर जल के साथ बेलपत्र चढ़ाएं। 5, 11, 21 या अपनी उम्र के बराबर बेलपत्र लेकर उस पर चंदन से राम नाम लिखें और फिर शिवजी का पंचाक्षरी मंत्र जपते हुए अर्पित करें।
6. दान दें : यदि कारोबार में नुकसान हो रहा है तो किसी मंदिर में जाकर गरीबों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें। इसी के साथ ही गणेश मंदिर में एक सुपारी, पांच मोदक तथा पांच लाल गुड़हल के फूल गणपतिजी को दाएं हाथ से अर्पित करें।
7. शनिवार का दान : शनिवार के दिन शाम को शनि मंदिर में काला कपड़ा, काली उड़द की दाल, काला तिल, लोहे का सामान दान करें। इससे कार्यक्षेत्र में लाभ होगा।
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