Surya Gochar or Meena Sankranti 2023 start date -End Date of Kharmas: हिन्दु पंचांग के मुताबिक साल में दो बार खरमास लगते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब ग्रहों के राजा सूर्य देव देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु या फिर मीन में प्रवेश करते हैं, तब-तब खरमास लगना माना जाता है। खरमास की अवधि एक माह मानी जाती है। मान्यता है कि खरमास के इन दिनों में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि नहीं किया जाता है। दरअसल खरमास को अशुभ समय माना गया है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे आपको बता रहे हैं कब से लग रहे हैं खरमास साथ ही यह भी कि अप्रैल में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं होंगे।
खरमास 2023 कब से
खरमास 15 मार्च 2023 से शुरू हो जाएंगे। यानी एक बुधवार के दिन सूर्य देव प्रात 6 बजकर 33 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसे मीन संक्रांति कहा जाता है। 15 मार्च 2023 से 14 अप्रैल 2023 की दोपहर 2 बजकर 59 मिनट तक खरमास की अवधि रहेगी।
जानें खरमास में क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य
खरमास में मांगलिक कार्य करने पर मनाही की गई है। शास्त्रों के मुताबिक जब सूर्य का गोचर मीन राशि में होता है तब, वह अपना तेज कम कर लेते हैं और अपने गुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं। वहीं तेज खोते सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कमजोर होता है। शुभ कार्य के लिए इन दोनों ग्रहों की स्थिति मजबूत होना अनिवार्य माना गया है। यही कारण है कि खरमास की अवधि में मांगलिक या शुभ कार्य करने की मनाही होती है। हालांकि खरमास की इस अवधि में श्रीहरि विष्णु की पूजा, पाठ, मंत्र जाप बेहद फलदायी मानी जाती है।
अप्रैल में नहीं बजेगी एक भी शहनाई
15 मार्च से खरमास की अवधि शुरू हो जाएगी। वहीं खरमास का समापन 14 अप्रैल को होगा। चूंकि विवाह आयोजन मांगलिक या शुभ कार्य है, इसलिए इस अवधि में शादी पर रोक लग जाती है। वहीं 1 अप्रैल 2023 को गुरु ग्रह अस्त भी हो रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में विवाह के दौरान गुरु का उदय होना अनिवार्य माना गया है। गुरु 3 मई 2023 को सुबह 4 बजकर 56 मिनट पर उदय हो रहे हैं। ऐसे में 15 मार्च से 3 मई तक शादी की एक भी शहनाई नहीं बजेगी।
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