सूर्य ग्रहण के समय क्या करें:
- जैसे ही ग्रहण का स्पर्श तो स्नान करना चाहिए।
- ग्रहण के मोक्ष काल के बाद भी स्नान करना चाहिए।
- ग्रहण काल में भोजन करने से परहेज करना चाहिए।
- ग्रहण के मोक्ष के बाद पीने का पानी ताजा भर कर पीना चाहिए।
- ग्रहण के समय में जितना संभव हो, मंत्र जाप और दान करना चाहिए।
- यदि आप किसी का श्राद्ध करना चाहते हैं तो ग्रहण काल में कर सकते हैं।
- कोई बालक हैं, अति वृद्ध हैं अथवा रोगी हैं तो पथ्याहार ले सकते हैं।
- यदि कोई बीमार हैं तो आवश्यक औषधि भी ले सकते हैं।
- ग्रहण काल में अपनी राशि के स्वामी ग्रह के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
- ग्रहण के स्पर्श से पूर्व ही दूध, दही, घी, अचार, चटनी, मुरब्बा, जैसी भोज्य सामग्री में कुशा अथवा तुलसीदल रख देना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करें:
- सूर्य को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर प्रवेश नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान किसी मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल में मैथुन क्रिया से भी बचना चाहिए।
- ग्रहण काल में तेल मालिश वर्जित होती है।
- ग्रहण के समय में बाल या नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
- ग्रहण के दौरान यात्रा नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल में यथासंभव जाप करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान काटना, सिलना, बुनना, सोना नहीं चाहिए।
ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय:
- ग्रहण के तुरंत बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
- ग्रहण की समाप्ति के गंगा स्नान या औषधि स्नान करना चाहिए।
- ग्रहण काल के बाद गरीब या किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए।
- कांसे की कटोरी में घी भरकर तांबे का सिक्का डालकर अपना मुंह देखकर दान करने से लाभ मिलेगा।
- आप ग्रहण के उपरांत औषधि स्नान भी कर सकते हैं। इससे ग्रहण के अशुभ फलों में कमी आएगी।
- सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु तथा चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा और राहु का मंत्र जाप करना चाहिए।
- यदि आपकी राशि अथवा नक्षत्र में ग्रहण लग रहा हो तो आपको ग्रहण काल में अपने राशि स्वामी या नक्षत्र स्वामी के मंत्र का जाप करना चाहिए।
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