Hanuman jee Worship
मई 2023 में कब-कब हैं बड़ा मंगल : 9, 16, 23 और 30 मई।
वर्ष 2023 में ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल 16 मई, दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि जेठ मास में जितने भी मंगलवार आते हैं उन्हें बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। पहला बड़ा मंगल जहां 9 मई को मनाया गया, वहीं दूसरा 16 मई को और तीसरा 23 और चौथा 30 मई को मनाया जाएगा।
इस दिन बजरंगबली के पूजन का बहुत महत्व हैं। भगवान शिव जी का रुद्र अवतार और कलयुग के साक्षात् देवता माने जाने वाले प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त बजरंगबली का पूजन करने से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ मास के मंगलवार को हनुमान जी को अमरत्व का वरदान मिला था, इसी कारण ज्येष्ठ के मंगल को बड़ा मंगल और बूढ़वा मंगल कहते हैं। खास कर उत्तरप्रदेश में ज्येष्ठ मास में आने वाले हर मंगलवार को बहुत ही शुभ माना जाता है, उनमें भी पहले आने वाले मंगलवार को विशेष मान कर पूजा-अर्चना की जाती है।
बड़ा मंगल के दिनों में बजरंगबली की उपासना करने तथा उनके 12 नामों का निरंतर जपने से श्री हनुमान जी महाराज दसों दिशाओं एवं आकाश-पाताल से अपने भक्त की रक्षा करते हैं, ऐसा माना जाता है।
आइए यहां पढ़ें हनुमान जी के 12 चमत्कारी नाम और उपाय
श्री बजरंगबली जी के 12 नाम :
1. ॐ हनुमान
2. ॐ अंजनी सुत
3. ॐ वायु पुत्र
4. ॐ महाबल
5. ॐ रामेष्ठ
6. ॐ फाल्गुण सखा
7. ॐ पिंगाक्ष
8. ॐ अमित विक्रम
9. ॐ उदधिक्रमण
10. ॐ सीता शोक विनाशन
11. ॐ लक्ष्मण प्राण दाता
12. ॐ दशग्रीव दर्पहा।
उपाय-
1. बड़ा मंगल के दिन सच्चे मन से हनुमान चालीसा और बजरंगबाण का पाठ करना चाहिए।
2. आज के दिन हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए पान का बीड़ा चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से रोजगार और नौकरी में तरक्की के योग बनने की संभावनाएं बढ़ जाती है, ऐसी मान्यता है।
3. आर्थिक लाभ के लिए आज हनुमान जी के मंदिर में उनकी प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पढ़ना चाहिए।
4. रामभक्त हनुमान जी को गुलाब के पुष्प एवं केवड़े का इत्र आज के दिन अर्पित करने से जीवन में शुभता आती है। इसके साथ ही राम-राम नाम का जाप करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है, ऐसा माना जाता है।
5. आर्थिक कष्टों से मुक्ति के लिए आज हनुमान जी को पूजा के दौरान सिन्दूर अर्पित करना शुभ माना जाता है।
पौराणिक मान्यता :
पौराणिक जानकारी के अनुसार इस बड़ा मंगलवार की शुरुआत करीब 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा एक बार गंभीर रूप से बीमार हो गया। उनकी बेगम रूबिया ने कई जगह उसका इलाज करवाया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ।
लोगों ने उन्हें बेटे की सलामती के लिए लखनऊ के अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर में मन्नत मांगने को कहा। यहां मन्नत मांगने पर नवाब का बेटा स्वस्थ हो गया। इसके बाद नवाब की बेगम रूबिया ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया।
वहीं नवाब ने ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के दिनों में प्रत्येक मंगलवार को पूरे शहर में जगह-जगह गुड़ और पानी का वितरण करवाया और तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई।
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