Kalashtami: कालाष्टमी के 8 मंत्र आपको पता होना चाहिए

Kalashtami 2023
 

 

 

 

 

 

 

Kalashtami 2023 : हिन्दू कैलेंडर अनुसार हर माह दो अष्टमी तिथि पड़ती है। इसमें एक कृष्‍ण पक्ष में, जिसे मासिक कालाष्टमी और दूसरी शुक्ल पक्ष में, जिसे मासिक दुर्गा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। कालाष्टमी तिथि भगवान काल भैरव को समर्पित मानी गई है।

इस बार ज्‍येष्‍ठ मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को कालाष्‍टमी व्रत रखा जा रहा है, जो कि 12 मई 2023, दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। और इस दिन भगवान भोलेनाथ के काल भैरव स्‍वरूप की पूजा की जाती है। 

 

कालाष्टमी के दिन विशेष कर भगवान काल भैरव तथा माता दुर्गा के मंत्रों का जाप करने का बहुत महत्व रहता है। यह मंत्र बहुत फलदायी होते हैं तथा सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित हो तो वह रोग भी दूर करने में सक्षम है। 

 

आइए यहां जानते हैं कालाष्टमी के खास 8 मंत्र : 

 

1. ॐ कालभैरवाय नम:।

 

2. ॐ भयहरणं च भैरव:।

 

3. ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।

 

4. ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्।

 

5. अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, 

भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

 

6. या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

 

7. ॐ जगदम्बिके दुर्गायै नमः 

 

8. 'ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।'

 

कालाष्टमी के दिन भैरव आराधना के इन विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। 


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Kalashtami Pujan




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