शयर मरकट म कसमत आजमन चहत ह त पहल जन ल कडल क यग

Astrology in share market

Astrology in share market

Stock exchange : यदि आप शेयर मार्केट की चमक-धमक देखकर और यह सोचकर पैसा लगा रहे हैं कि यहां पर अच्छा रिटर्न मिलेगा तो यह भी जान लें कि कई लोग यहां पर बर्बाद भी हो चुके हैं। हर कोई शेयर मार्केट से कमा नहीं सकता क्योंकि इसके लिए दो चीजों की जरूरत होती है पहले यह कि आपकी स्टडी अच्‍छी होना चाहिए और दूसरा यह कि आपकी किस्मत भी अच्‍छी होना चाहिए। लेकिन तीसरी चीज है कि आपकी कुंडली के सितारे भी इस कार्य को करने के अनुकूल होना चाहिए।

 

आपकी राशि और कुंडली के ग्रह नक्षत्र यह बताते हैं कि आप कौनसे कार्य में सक्सेस होंगे। यदि आपकी कुंडली के ग्रह नक्षत्र शेयर मार्केट में दाव लगाने के लिए अनुकूल नहीं है तो आपको इस कार्य से बचना चाहिए क्योंकि यह मार्केट पल में आदमी को राज और पल में रंक बनाने की ताकत रखता है। ऐसे में पहले जान लें कि आपकी कुंडली में इस कार्य को करने के योग है या नहीं।

 

कुंडली में क्या है नौकरी या व्यापार का भाव : कहते हैं कि दशभ भाव से पता चलता है कि व्यक्ति क्या करेगा, ग्यारहवें भाव से पता चलता है कि व्यक्ति क्या कमाएगा और दूसरे भाव से पता चलता है कि व्यक्ति कितना बचा पाएगा। पंचम भाव से देखते हैं कि अचानक से धन मिलेगा या नहीं, भाग्य साथ देगा या नहीं। इसके साथ अष्टम भाव से बिना कमाया हुआ, पैतृक संपत्ति का धन या अनुमान से अधिक धन मिलेाग या नहीं देखा जाता है।

 

शेयर मार्केट से संबंधित भाव : ज्योतिष के अनुसार पंचम और अष्टम भाव से यह जाना जा सकता है कि इस मार्केट से शुभ फल प्राप्त होगा या नहीं। इसी के साथ ही ग्यारहवें से भी यह जाना जा सकता है। पंचम से सप्तम होने के कारण ग्यारहवें भाव पंचम का साथी भाव है। इससे आज की शुभ स्थिति का अनुमान लगा सकते हैं। इस प्रकार कुंडली के द्वादश भाव से खर्च का पता लगा सकते हैं, क्योंकि यह व्यक्ति को नुकसान या घाटा दे सकता है। लेकिन इस सभी भावों का आकलन करने के पूर्व लग्न भाव का आकलन करना भी जरूरी है।

Astrology in share market

कुंडली में लाभ वाले योग : 

  • पंचम भाव पूर्व जन्म के शुभ कर्मों को दर्शाता है और लग्नेय यदि वहीं स्थित हो तो जातक शीघ्र धन कमा सकता है। 
  • यदि जन्म कुंडली में लग्नेश और पंचमेश केंद्र या त्रिकोण में युति बनाकर एक साथ स्थित हों तब भी जातक अचानक से धन कमा सकता है।
  • यदि जन्म कुंडली में ग्यारहवें का संबंध लग्न या पांचवें भाव से है तो तभ भी जातक अचानक से धन कमा सकता है।
  • यदि एकादशेश पंचम भाव में स्थित हो तब भी जातक अचानक से धन कमा सकता है।
  • यदि ग्यारहवें भाव के स्वामी आठवें भाव में स्वग्रही या उच्च के होकर बैठे हो तो भी जातक अचानक से धन कमाता है।
  • यदि आठवें भाव में शुभ ग्रह की दृष्टि में हो तब भी जातक अचानक से धन कमाता है।
  • यदि अष्टमेश पंचम भाव में स्थित हो जाए और उसके ऊपर शुभ ग्रह की दृष्टि हो एवं पांचवें भाव में स्थित अष्टमेश अस्त न हो, वक्री न हो तब भी जातक अचानक से धन कमाता है।
  • यदि केंद्र व त्रिकोण के स्वामी एक साथ केंद्र व त्रिकोण में स्थित हो तब भी व्यक्ति अचानक से धन कमाता है।
  • यदि भाग्यश्री लग्न में जाकर स्थित को तब भी जातक अचानक से धन कमाता है।

 

कुंडली में नुकसान वाले योग:-

  • यदि पंचमेश अष्टम भाव में जाकर स्थित हो जाए तो तब जातक को अचानक से बड़े नुकसान की संभावना होती है।
  • यदि पंचम भाव का स्वामी द्वादश भाव में जाकर स्थित हो जाए, तब भी बड़े नुकसान की संभावना होती है।
  • अष्टमेश और द्वादश का पंचम भाव में स्थित है तो अचानक से धन का नुकसान हो सकता है।
  • बारहवें भाव के स्वामी का छठे-आठवें भाव में स्थित है तो भी अचानक से आर्थिक नुकसान हो सकता है।
  • द्वादशेश की दशा अंतर्दशा में भी धन का नुकसान होता है।
  • यदि धनेश छठे, आठवें या द्वादश भाव में स्थित हो तब जमा संपत्ति के नाश का योग बनता है।
  • यदि लग्नेश अस्त हो वक्री हो या नीच राशि में विद्यमान हो तो भी धन का अचानक से नुकसान होता है। 

 

ऐसे में उपरोक्त स्थि‍ति के अनुसार पांचवें, आठवें या लग्न भाव के स्वामी की दशा, अंतर्दशा में या प्रत्यंतर दशा को जानकर ही शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते हैं।



from ज्योतिष https://ift.tt/XS9m5bx
Previous
Next Post »