शश महापुरुष राजयोग क्या होता है?
शनि ग्रह के कारण बनने वाला शश योग पंचमहायोग में से एक राजयोग है। कुंभ राशि शनि की खुद की राशि है। कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण राशि भी है। यदि आपकी कुंडली में शनि का राजयोग है तो आपकी लॉटरी लगने वाली है। आप बहुत भाग्यशाली हैं और यह मानो की आप मालामाल होने वाले हैं, क्योंकि अगले वर्ष शनि का शश नामक राजयोग बनने वाला है। शनि इस वक्त कुंभ राशि में ही है जिसके चलते शश योग बना हुआ है।
कब और कैसे बनता है?
यदि आपकी कुंडली में शनि लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में तुला, मकर अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो यह शश योग बनता है। अर्थात शश योग तब बनता है जब कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में शनि अपने स्वयं की राशि (मकर, कुंभ) में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है।
मकर और कुंभ शनि की राशियां हैं तुला में शनि उच्च के होते हैं यदि इन राशियों में होकर शनि केंद्र से प्रथम, चतुर्थ, सप्तम अथवा दशम भाव में हो तो इस योग का निर्माण होता है।
किसे फायदा करता है?
जिनकी कुंडली में शनि कुंभ राशि में या उपरोक्त बताई गई स्थिति के अनुसार विराजमान हैं यानी केंद्र में या मूल त्रिकोण में विराजमान है और शुभ अवस्था में है तो शश नाम राजयोग का उसे फायदा मिलेगा। इसी के साथ गोचर के अनुसार भी जातक को शश योग का लाभ मिलता है। जैसे वर्तमान में शनि कुंभ राशि में होकर शश योग का निर्माण कर रहा है।
शश योग से प्रभावित जातक में किसी भी रोग से उबरने की मजबूत क्षमता होती है। यह योग जातक की आयु लंबी करता है अर्थात जातक दीर्घायु होता है। व्यापार व्यवसाय करने में जातक बहुत ही प्रेक्टिकल होता है। ऐसा जातक जरूरतपूर्ति या आवश्यकता अनुसार ही वार्तालाप करता है। ऐसे जातक ज्ञानी होता है और रहस्यों को जानने वाला भी होता है। राजनीति के क्षेत्र में है तो ऐसा जातक कूटनीति का धनी होता है और शीर्षपद पर आसीन हो जाता है। शश योग है तो जातक पर शनि के कुप्रभाव, साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
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