नाग पंचमी के पर्व पर 5 कार्य जरूर करें, किस्मत खुलने में देर नहीं लगेगी

 

nagpanchami 2023 : वर्ष 2023 में दिन सोमवार, 21 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन के महीने में श्रावण शुक्ल पंचमी को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नागदेव को दूध सिर्फ चढ़ाया जाता है, दूध पिलाने से उन्हें कष्ट होता है। अत: नागपंचमी पर उन्हें दूध पिलाने की सख्त मनाही हैं। इस दिन जिन्हें कालसर्प दोष हैं, यदि वे नाग देवता की पूजा करें, तो उन्हें लाभ प्राप्त होता है।

 

कालसर्प दोष का वर्णन महर्षि पाराशर और वराहमिहिर के शास्त्रों में भी मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में जब राहु और केतु के मध्य ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष लग जाता है। अत: सावन के महीने में तथा विशेष कर नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए ये 5 कार्य अवश्‍य ही करना चाहिए।

 

आइए जानते हैं नाग पंचमी के 5 खास उपाय- 

 

1. सावन में आने वाली पंचमी तिथि यानी नाग पंचमी पर नागदेवता की आराधना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। शिव गायत्री मंत्र का यह उपाय बहुत लाभदायी होता है। इस दिन विशेष रूप से शिव मंदिर में शिव गायत्री मंत्र- 'ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे, महादेवाय धीमहि तन्नोरुद्र: प्रचोदयात्।' की एक माला का जप करने और चांदी, सोने या तांबे के नाग-नागिन के जोड़े चढ़ाने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। 

 

2. यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो वह नागपंचमी के दिन शिव जी के साथ नाग देवता का पूजन करें तो इस दोष से मुक्ति पा सकता है। अत: नागपंचमी के दिन नाग प्रतिमा का पूजन करते समय मंत्र निम्न मंत्र का जाप करने से जीवन में कालसर्प दोष का कुप्रभाव कम हो जाता है। 

 

मंत्र- अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। 

शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।

एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्। 

सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।

तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।

 

3. नागपंचमी के दिन शिव मंदिर में 21 चंदन धूपबत्ती और 5 तेल या घी के दीपक लगाकर शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से सौभाग्य, संपत्ति, धन-धान्य, समृद्धि, सफलता, ऐश्वर्य, प्रगति और संतान प्राप्ति का आशीष मिलता है। और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।

 

4. नाग पंचमी के दिन नाग देवता का पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त हो जाते हैं, अत: यदि किसी व्यक्ति को राहु-केतु की दशा/ महादशा या कालसर्प दोष हो उसे शिवलिंग पर नाग-नागिन का चांदी अथवा पंचधातु का जोड़ा चढ़ाना चाहिए।

 

5.  नाग पंचमी के दिन जमीन या भूमि की खुदाई नहीं करें, बल्कि नाग देवता की पूजा के लिए नागदेव की फोटो/तस्वीर या मिट्टी अथवा धातु से बनी प्रतिमा का पूजन करें। उन्हें दूध, धान, खील तथा दूब को चढ़ावे के रूप में अर्पित करें।

इन उपायों से निश्चित ही आपकी सभी परेशानियां दूर होकर किस्मत खुलने का मार्ग मिल जाएगा।

 

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