इस मंदिर को नहीं हटा पाए बड़े से बड़े इंजीनियर और मशीनें, जिसने भी सोचा उसके साथ हुआ बुरा, पढ़ें अनोखे मंदिर की कहानी

कहां है दूल्हा देव महाराज का मंदिर
नरसिंहपुर में डोकरघाट के पास नरसिंहपुर गोटेगांव मुंगवानी तिराहे पर (झांसी नागपुर नेशनल हाईवे पर) दूल्हा देव महाराज का प्राचीन मंदिर है। यहीं दादा दरबार में दूल्हा देव अंधे मोड़ पर विराजमान हैं और जो भी इधर से गुजरता है, शीश झुकाता है। यह मंदिर पूरे मध्य प्रदेश के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां बड़ी संख्या में लोग मन्नत लेकर आते हैं। शनिवार को इस मंदिर में दर्शन का विशेष महत्व होने से यहां मेला भी लगता है। स्थानीय लोगों का कहना यह मंदिर बहुत पुराना है, डेढ़ सौ साल तक (1866 के आसपास तक) का इतिहास बुजुर्ग याद करते हैं, लेकिन यह कब बना इसकी जानकारी नहीं है।

प्रेत बाधा से मिलती है मुक्ति
मान्यता है कि दूल्हा देव महाराज ग्राम देवता हैं। दूल्हा देव महाराज ने इस जगह को खुद अपने स्थान के रूप में चुना है। इसलिए उन्हें यहां से कोई हटा नहीं सकता। मान्यता है इस मंदिर में पांच शनिवार जो कोई हाजिरी लगाता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। वहीं दूल्हा देव के दरबार में हाजिरी लगाने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।

यह चढ़ाया जाता है दूल्हा देव को
दादा महाराज को विशेष रूप से गुलाब का फूल, पगड़ी, नारियल और पंचमेवा चढ़ाया जाता है। यहां के लोग बताते हैं कि सिर्फ एक नारियल चढ़ाने से दादा महाराज प्रसन्न हो जाते हैं।

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क्या कहते हैं स्थानीय भक्त
एक भक्त ने बताया कि वे कई साल से दादा महाराज के दरबार आ रहे हैं। शुरू में उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी, आने जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। कई किलोमीटर पैदल चलकर दरबार में आते और अर्जी लगा कर चले जाते। आज दादा महाराज के आशीर्वाद से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है। उनके पास घर, गाड़ी, सुखी परिवार सब कुछ है। एक महिला ने बताया कि दादा महाराज की कृपा से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई।


इस कारण बना फ्लाईओवर
स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले इसी स्थान से नेशनल हाईवे 44 और स्टेट हाईवे 22 गुजरता था, लेकिन जब देश में 4 लाइन प्रोजेक्ट शुरू हुए तो रास्ते में पड़ रहे दादा महाराज के मंदिर को हटाने की बात हुई, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जो लोगों की जेहन में बस गया। एक स्थानीय ने बताया कि मंदिर हाईवे के रास्ते में आ रहा था। इसको लेकर पहुंचे इंजीनियर ने जेसीबी मंगाकर मंदिर को हटाने के लिए खुदाई शुरू कराई। हालांकि वे मंदिर की एक ईंट भी हटाने में सफल नहीं हुए। बाद में कुछ दूर जाते ही इंजीनियर का एक्सीडेंट हो गया। इसके बाद दूसरे अधिकारियों ने खुद दादा महाराज से प्रार्थना की और बाद में मंदिर को हटाने की जगह यहां फ्लाईओवर का निर्माण कराया गया।


कैसे पहुंचे दूल्हा देव महाराज मंदिर
भक्त ट्रेन से नरसिंहपुर स्टेशन पर उतरकर टैक्सी, ऑटो, रिक्शा के जरिये दादा महाराज के मंदिर तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर उतरकर भी सड़क के रास्ते इस पवित्र स्थान की यात्रा की जा सकती है।



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