Guru Pradosh Vrat: इस वर्ष गुरु प्रदोष व्रत दिन गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023 को रखा जा रहा है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत शुभ एवं मंगलकारी तथा भगवान शिव की अपार कृपा दिलाने वाला माना गया है। प्रदोष व्रत के दिन सायंकाल में शिव जी का पूजन किया जाता है।
महत्व- वर्ष 2023 में 26 अक्टूबर, दिन गुरुवार को आश्विन शुक्ल द्वादशी-त्रयोदशी के दिन गुरु प्रदोष व्रत पड़ रहा है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सायंकाल के समय को प्रदोष काल कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि के दिन सायं के समय प्रदोष काल में भगवान शिव जी का पूजन किया जाता है।
इस दिन पूजन के लिए एक जल से भरा हुआ कलश, बेल पत्र, धतूरा, भांग, कपूर, सफेद और पीले पुष्प एवं माला, आंकड़े का फूल, सफेद और पीली मिठाई, सफेद चंदन, धूप, दीप, घी, सफेद वस्त्र, आम की लकड़ी, हवन सामग्री, आरती के लिए एक थाली सभी सामग्री को एकत्रित करके देवगुरु बृहस्पति तथा शिव-पार्वती जी का पूजन किया जाता है। गुरु प्रदोष व्रत पूजन से शिव जी तथा देवगुरु की कृपा प्राप्त होती है।
इस व्रत के संबंध में मान्यता के अनुसार यह व्रत सौ गायों का दान करने के बराबर फल देता है। गुरु प्रदोष व्रत दुश्मनों/ शत्रुओं का नाश करने वाला तथा सभी संकट, कष्ट और पापों का भी नाश करने वाला माना गया है। बता दें कि आज अक्टूबर माह का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
गुरु प्रदोष व्रत : 26 अक्टूबर 2023 पूजन के शुभ मुहूर्त :
आश्विन शुक्ल त्रयोदशी का प्रारंभ- 26 अक्टूबर को 01.14 ए एम से शुरू,
समापन- 26 अक्टूबर को 10.26 पी एम पर होगा।
गुरु प्रदोष व्रत के दिन का प्रदोष समय एवं प्रदोष पूजा मुहूर्त- 05.25 पी एम से 07.44 पी एम
त्रयोदशी पूजन समय- 02 घंटे 19 मिनट्स
सर्वार्थ सिद्धि योग- 27 अक्टूबर 12.55 ए एम से 05.01 ए एम तक।
रवि योग- 27 अक्टूबर 12.55 ए एम से 05.01 ए एम तक।
दिन का चौघड़िया
शुभ- 05.01 ए एम से 06.34 ए एम
चर- 09.40 ए एम से 11.13 ए एम
लाभ- 11.13 ए एम से 12.46 पी एम
अमृत- 12.46 पी एम से 02.19 पी एम
शुभ- 03.52 पी एम से 05.25 पी एम
रात का चौघड़िया
अमृत- 05.25 पी एम से 06.52 पी एम
चर- 06.52 पी एम से 08.19 पी एम
लाभ- 11.13 पी एम से 27 अक्टूबर को 12.40 ए एम,
शुभ- 02.07 ए एम से 27 अक्टूबर को 03.34 ए एम,
अमृत- 03.34 ए एम से 27 अक्टूबर को 05.01 ए एम तक।
आज का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 03.28 ए एम से 04.15 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 03.52 ए एम से 05.01 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 10.48 ए एम से 11.38 ए एम
विजय मुहूर्त- 01.17 पी एम से 02.07 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05.25 पी एम से 05.48 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05.25 पी एम से 06.34 पी एम
अमृत काल- 08.31 पी एम से 09.59 पी एम
निशिता मुहूर्त- 10.50 पी एम से 11.36 पी एम
आज के दिन मंत्र- 'ॐ नम: शिवाय:' तथा 'ॐ बृं बृहस्पतये नम:' मंत्र का जाप करना अधिक महत्व का माना गया है।
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