Garden tips: गमले में माचिस की तीलियां रखने के हैं चमत्कारिक फायदे

Gardening: घर में यदि गमलों में हरे भरे पौधे लगे रहते हैं तो मन प्रसन्न रहता है। गमले में पौधे लगाने के बाद कई बार ऐसा होता है कि अच्‍छे से देखभाल करने के बाद भी पौधे मुरझा जाते हैं। पौधों के मुरझाने के कई कारण हो सकते हैं। आओ जानते हैं कि माचिस की तीलियों का ऐसा कौन सा उपाय कर सकते हैं कि जिससे चमत्कारिक रूप से फायदा हो। पौधे सही रहेंगे तो घर का वास्तु भी सही रहेगा।

 

किस तरह लाभदायक है माचिस की तीलियां?

  1. मिट्टी में कीड़े लगने पर पौधे मुरझाकर मर जाते हैं। ऐसे में माचिस की तीलियों का प्रयोग करें।
  2. माचिस की तीलियों में मौजूद ज्वलनशील मसाला कीटनाशक दवा की तरह काम करता है।
  3. तीलियों को बनाने में फास्फोरस, सल्फर और मैग्नीशियम क्लोरोफिल का उपयोग होता है।
  4. फास्फोरस पौधों की जड़ों को मजबूत करता है, गंधक, मैग्नीशियम क्लोरोफिल और सल्फर पौधों की ग्रोथ बढ़ाता है।
  5. उपरोक्त सभी रसायनिक पदार्थ मिलकर कीड़ों को मारकर उन्हें पनपने नहीं देते हैं।

कैसे करें माचिस की तीलियों का गमले में उपयोग?

  • मिट्टी में कंडे यानी उपले का चूरा करके मिलाकर ही गमले में मिट्टी भरना चाहिए।
  • इस मिट्टी में एक तिहाई बालू रेत भी मिला देंगे तो गमले में पर्याप्त माता में नमी बनी रहेगी।
  • इसके अलावा पौधा रोपण करते वक्त इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि जड़ों पर मिट्टी का दबाव न हो।
  • पौधों में एक दिन छोड़कर पानी डालें। प्रतिदिन रोज इन पौधों को आधा से एक घंटा धूप दिखा सकते हैं।
  • हर हफ्ते गमले की मिट्टी की खुदाई करते रहें।
  • अब माचिस की तीलियां गमले में लगने के पहले मिट्टी हल्की गिली रखें।
  • तीलियों के जिस साइड ज्वलनशील मसाल होता है उसे गमले में दबाकर छोड़ दें।
  • इस तरह उचित दूरी पर माचिस की अन्य तीलियां भी लगा दें। 
  • मिट्टी के गिले रहने पर माचिस की तीलियों में मौजूद रसायन पौधे की जड़ तक आसानी से पहुंच जाएगा। 
  • इससे पौधों की जड़ों में और मिट्टी में कीड़े नहीं लगेंगे और पौधे की ग्रोथ भी अच्छी होती है।
  • करीब 15 से 20 दिनों बाद तीलियों को हटा दें और इसके बाद करीब 2 से 3 माह बाद इस प्रयोग को फिर से कर सकते हैं।
  • ध्यान रहे कि एक साथ एक ही जगह पर कई तीलियां न लगाएं।


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