Pradosh Vrat
HIGHLIGHTS
* प्रदोष काल में शिव जी के पूजन के लिए यह तिथि समर्पित है।
* प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है।
* कर्ज से मुक्ति देने के लिए खास माना गया है भौम प्रदोष व्रत।
Pradosh Vrat : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत के लिए पौष कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 8 जनवरी, दिन सोमवार को रात 11.58 मिनट पर होगी तथा मंगलवार के दिन यानी 9 जनवरी 2024 को रात्रि 10.24 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। अत: वर्ष 2024 में साल का पहला भौम प्रदोष व्रत 9 जनवरी, दिन मंगलवार को रखा जा रहा है। तथा इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का शुभ मुहूर्त का समय- सायंकाल 05.41 मिनट से रात 08.24 मिनट तक रहेगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगल ग्रह का ही एक अन्य नाम भौम है। जब मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि का योग बनता है, तब भौम प्रदोष व्रत व्रत रखा जाता है। यह व्रत हर तरह के कर्ज से मुक्ति दिलाता है। इस दिन मंगल देव के 21 या 108 नामों का पाठ करने से ऋण से जातक को जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
हर किसी व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में कई बार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन रुपया, पैसों का कर्ज या ऋण लेना आवश्यक हो जाता है। तब व्यक्ति कर्ज यानी ऋण तो ले लेता है, लेकिन उसे चुकाने में उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अत: ऐसे समय में कर्ज संबंधी परेशानी दूर करने के लिए भौम प्रदोष व्रत लाभदायी सिद्ध होता है। हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इसमें मंगलवार और शनिवार को आने वाले प्रदोष तिथि का विशेष महत्व माना गया है।
हर व्यक्ति ऋण यानी कर्ज से मुक्ति के लिए हर तरह की कोशिश करता है किंतु कर्ज की यह स्थिति व्यक्ति को तनाव से बाहर नहीं आने देती। इस स्थिति से निपटने के लिए मंगलवार का भौम प्रदोष व्रत बहुत सहायक सिद्ध होता है।
भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इससे जातक के जीवन में मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है। अगर मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि आती है, तो इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है तथा कर्ज से मुक्ति के लिए इस दिन शाम के समय किया गया हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायी सिद्ध होता है।
मंगलवार के दिन इस व्रत-पूजन से मंगल ग्रह की शांति भी हो जाती है। और मंगल ग्रह की शांति के लिए व्रत रखकर शाम के समय हनुमान और भोलेनाथ की पूजा की जाती है। इस दिन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करके बजरंग बली को बूंदी के लड्डू अर्पित करके उसके बाद व्रतधारी को भोजन करना चाहिए।
भौम प्रदोष का व्रत बहुत प्रभावकारी माना गया है। जहां एक ओर भगवान शिव व्रतधारी के सभी दुःखों का अंत करते हैं, वहीं मंगल देवता अपने भक्त की हर तरह से मदद करके उसे उस बुरी स्थिति से बाहर निकालने में उसकी मदद करते हैं।
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