Guru Purnima In Hindi
Highlights
गुरु पूर्णिमा 2024 कब हैं।
गुरु पूर्णिमा 2024 के मुहूर्त क्या हैं।
महर्षि वेद व्यास का जन्मदिन कब हैं।
ALSO READ: तृतीय विश्व युद्ध हुआ तो आपके पास होना चाहिए ये 10 चीजें और रखना होंगी 5 सावधानियां
guru purnima 2024 : वर्ष 2024 में गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई, दिन रविवार को मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से भारत भर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वेद व्यास जी चारों वेदों के प्रथम व्याख्याता थे। अत: गुरु पूर्णिमा के दिन उनका पूजन किया जाता है।
भारत में एक से बड़े एक संत, महापुरुष और विद्वान हुए हैं। परंतु उनमें से चारों वेदों के प्रथम व्याख्याता महर्षि वेद व्यास थे और हमें वेदों का ज्ञान देने वाले व्यास जी ही हैं, अतः वे हमारे आदिगुरु माने गए हैं, इसी कारण इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
आइए जानते हैं पूजा का खास मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा रविवार, 21 जुलाई 2024 पूजन के मुहूर्त : Guru Purnima 2024, 21st July Sunday Muhurat
आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- 20 जुलाई 2024, शनिवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट से।
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति - 21 जुलाई 2024, रविवार को 03 बजकर 46 मिनट पर होगी।
उदयातिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा रविवार मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त-अलसुबह 04:14 से 04:55 तक।
प्रातः सन्ध्या- सुबह 04:35से 05:37 तक।
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:55 तक।
विजय मुहूर्त- अपराह्न 02:44 पी एम से 03:39 तक।
गोधूलि मुहूर्त- 07:17 शाम से 07:38 तक।
सायाह्न सन्ध्या-07:18 शाम से 08:20 तक।
अमृत काल- 06:15 शाम से 07:45 तक।
निशिता मुहूर्त- 22 जुलाई को सुबह 12:07 से 12:48 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- 21 जुलाई को सुबह 05:37 से 22 जुलाई को 12:14 तक।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ALSO READ: History of Jagannath Temple : जगन्नाथ मंदिर का संपूर्ण इतिहास
from ज्योतिष https://ift.tt/3feMNu5
EmoticonEmoticon