विनायक चतुर्थी आज, आषाढ़ मास में कैसे करें श्रीगणेश का पूजन, जानें मुहूर्त भी

Vinayaka Chaturthi 
 

Highlights 

 

आषाढ़ मास की चतुर्थी आज।  

विनायक चतुर्थी की पूजा विधि।  

विनायक चतुर्थी के पूजन मुहूर्त जानिए। 

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Vinayaka Chaturthi : वर्ष 2024 में आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी इस बार 09  जुलाई, दिन मंगलवार को पड़ रही हैं। यह चतुर्थी भगवान श्री गणेश की तिथि है। प्रति माह शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी व्रत कहते हैं। यह चतुर्थी भगवान श्री गणेश को समर्पित है। 

 

हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार श्री गणेश की कृपा से जीवन के सभी कष्ट और असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। पुराणों के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायकी तथा कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन श्री गणेश की पूजा दोपहर-मध्याह्न में की जाती है। 

 

भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, विघ्नहर्ता यानी आपके सभी दु:खों को हरने वाले देवता। इसीलिए भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विनायक/विनायकी चतुर्थी और संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता हैं। इस दिन श्री गणेश का पूजन-अर्चन करना लाभकारी माना गया है। इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति भी होती है। 

 

आइए जानें कैसे करें विनायक चतुर्थी पर पूजन : 

 

- विनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें। 

- दोपहर पूजन के समय अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार पीतल, सोने, चांदी, तांबा, मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। 

- संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें। 

- तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। 

- अब गणेश का प्रिय मंत्र- 'ॐ गं गणपतयै नम:' बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। 

- श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्‍डुओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्‍डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें। 

- पूजन के समय श्री संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें। 

- ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें। 

- सायंकाल के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तोत्र, श्री गणेशअथर्वशीर्ष, गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। 

- श्री गणेश की आरती करें और 'ॐ गणेशाय नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें। 

 

पूजा का शुभ समय जानें : 
 

09 जुलाई 2024, मंगलवार को विनायक चतुर्थी

आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ - 09 जुलाई सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर,

विनायक चतुर्थी का समापन- 10 जुलाई को सुबह 07 बजकर 51  मिनट पर होगा। 

पूजन का शुभ समय : सुबह 11:03 से दोपहर 01:50 बजे तक।  

चतुर्थी पूजा की कुल अवधि : 02 घंटे 46 मिनट्स तक।  

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11 बजकर 59 से 12 बजकर 54 तक।

अमृत काल- सुबह 06 बजकर 09 से 07 बजकर 52 तक।

 

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