Sarva Pitru Amavasya 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर मंडरा रहा सूर्य ग्रहण का साया, जानें कब से कब तक रहेगा

SolarEclipse

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Largest Solar Eclipse of the Century 2024: 02 अक्टूबर 2024 बुधवार को सर्वपितृ अमावस्या के दिन 21वीं सदी का सबसे लंबा वलयकार सूर्य ग्रहण होने जा रहा है। भारत में यह नहीं दिखाई देगा। श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का होना बहुत दुर्लभ घटना है। सूर्यग्रहण के बारे में जानते हैं कि यह कब और किस समय लगेगा। इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं। देश और विदेश में यह सूर्य ग्रहण कहां कहां नजर आएगा।
  • श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण
  • 2 अक्टूबर 2024 को सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण
  • भारत में नहीं दिखाई देगा वलयकार सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण कब रहेगा:- 2 अक्टूबर 2024 बुधवार को सूर्य ग्रहण रहेगा।

 

सूतक काल:- भारत में मान्य नहीं।

 

सूर्य ग्रहण का समय:- भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 13 मिनट पर ग्रहण की शुरुआत होगी और आधी रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। स्थानीय समय अनुसार दोपहर 3:42 बजे से शुरू होगा और रात 9:47 बजे समाप्त होगा।

 

कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण:- भारत में नहीं दिखाई देगा। 2 और 3 अक्टूबर की दरम्यानी रात को लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से भी देश के खगोलप्रेमी वंचित रहेंगे। पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल में भी नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका और अटलांटिक महासागर, आइलैंड, ब्राजील, पेरू, चिली, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, मैक्सिको, न्यूजीलैंज, फिजी और आर्कटिक समेत कई देशों में नजर आएगा।

 

क्या होता है वलयकार सूर्य ग्रहण:- सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना कुल 7 मिनट 21 सेकंड चलेगी और इसकी चरमावस्था पर सूर्य का 93 प्रतिशत फीसद हिस्सा ढक जाएगा जिससे सौरमंडल का मुखिया पृथ्वीवासियों को चमकदार कंगन की तरह दिखाई देगा। इसे कंगन या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भी कहते हैं। सूर्य ग्रहण में जब चंद्रमा पृथ्वी से बहुत दूर होता है और इस दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। ऐसे में सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन या वलय के रूप में चमकता दिखाई देता है। कंगन आकार में बने सूर्य ग्रहण को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।



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