ALSO READ: गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव कैसे मनाया जाता है?
Annakoot 2024: दीपावली के दूसरे दिन 'अन्नकूट' मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 02 नवंबर को मनाया जाएगा। अन्नकूट का अर्थ है -'अन्न का ढेर'। आज ही के दिन योगेश्वर भगवान कृष्ण ने इन्द्र का मान-मर्दन करते हुए अपने वाम हस्त की कनिष्ठा अंगुली के नख पर गोवर्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से ब्रजवासियों की रक्षा की थी।
अन्नकूट के दिन क्या करें :
प्रात:काल स्नान करने के उपरांत भगवान कृष्ण का ऐसा चित्र जिसमें वे गोवर्धन पर्वत हाथ में धारण किए खड़े हों अपने पूजा घर में लगाकर उसकी पूजा करें। पूजन के उपरांत गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का विग्रह भूमि पर बनाएं। सायंकाल उस विग्रह का पंचोपचार विधि से पूजन करें और 56 प्रकार के पकवान बनाकर भोग अर्पित करें।
ALSO READ: Bhai Dooj 2024: भाई दूज कब है, जानिए तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त
अन्नकूट के दिन करें गोवर्धन परिक्रमा :
गोवर्धन पर्वत मथुरा से लगभग 22 किमी दूर स्थित है। गिरिराज गोवर्धन को भगवान कृष्ण का साक्षात स्वरूप माना जाता है। इनकी परिक्रमा की जाती है जो अनंत पुण्य फ़लदायी होती है और मनुष्य की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। गोवर्धन परिक्रमा 21 किमी की होती है। मार्ग में कई सिद्ध-स्थल जैसे राधाकुंड, गौड़ीय मठ, मानसी-गंगा, दान-घाटी, पूंछरी का लौठा आदि मिलते हैं। जिनके दर्शन मात्र से श्रद्धालु धन्य हो जाते हैं।
आज के दिन लें गोवर्धन परिक्रमा का संकल्प :
वैसे अधिकांश श्रद्धालु गोवर्धन परिक्रमा कर चुके होते हैं लेकिन जिन श्रद्धालुओं ने अभी तक अपने जीवनकाल में गोवर्धन परिक्रमा नहीं की हो वे यदि आज अन्नकूट की पूजा उपरांत गोवर्धन परिक्रमा का संकल्प लेकर गोवर्धन परिक्रमा करते हैं तो यह श्रेयस्कर व पुण्यफ़लप्रद रहता है।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
ALSO READ: क्यों घट रहा है गोवर्धन पर्वत? जानिए क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा
from ज्योतिष https://ift.tt/nb5j3mO
EmoticonEmoticon