
नीच का होता है कर्क का मंगल:
मंगल ने 3 अप्रैल 2025 को चंद्र की कर्क राशि में गोचर किया था। इस राशि में मंगल 7 जून 2025 तक रहेंगे। मंगल देव साहस, पराक्रम, ऊर्जा, शक्ति, सामर्थ्य, संकल्प, युद्ध और क्रोध आदि के कारक होने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं विशेषकर भूकंप, अग्नि और दुर्घटनाओं के कारक भी माने गए हैं। ऐसे में, यह नकारात्मक परिणाम दे रहे हैं। हम देख रहे हैं कि हर तरह अग्निकांड और दुर्घटनाएं बढ़ गई है और आतंकवादी घटना भी हुई है।
सभी जानते हैं कि कर्क राशि में मंगल नीच का प्रभाव देता है जो कि दे रहा है। यह वर्ष भी मंगल का है और हिंदू नववर्ष सूर्य का है। भारत की कुंडली में मंगल तीसरे भाव में नीच अवस्था में है। तीसरा भाव भाई बहन और पड़ोसी का भाव भी है। नीच अवस्था में होने के कारण कुछ पड़ोसी राष्ट्रों के कारण भारत परेशान रहेगा। इस दौरान कुछ पड़ोसी राष्ट्र समस्या पैदा तो करेंगे लेकिन भारत उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगा क्योंकि भारत की कुंडली में और पीएम मोदी जी कुंडली में मंगल पराक्रम अवस्था में है। ऐसे में भारत हर तरह के उपद्रव को शांत करने में कामयाब होगा।ALSO READ: भृगु ऋषि ने पहले ही कर दी थी ये भविष्यवाणी, ग्रहों के एक ही सीध में आने से क्या होगा?
मंगल और राहु का षडाष्टक योग: जब दो ग्रह एक-दूसरे से छठे या आठवें भाव में होते हैं, तब षडाष्टक योग बनता है। यह एक अशुभ योग है जो अमंगलकारी घटनाओं को जन्म देता है। वर्तमान में मंगल कर्क यानी चौथी राशि में नीच का होकर चतुर्थ भाव में बैठा है और अब 18 मई को राहु मीन से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेगा तब मंगल और राहु का षडाष्टक योग बनेगा। 18 मई से 7 जून 2025 तक यानी करीब 19 दिनों तक इस योग का निर्माण हो रहा है। ALSO READ: क्या भारत POK पर करेगा हमला? क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र और वायरल भविष्यवाणी
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