पूरे देश में इस सीजफायर का विरोध किया गया, लेकिन इसके पीछे की संपूर्ण कहानी क्या है यह कोई नहीं जानता। खैर, यदि हम ग्रह नक्षत्रों की बात करें तो 29 मार्च को सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि ने राशि परिवर्तन करके यह परिस्थिति निर्मित की थी। 7 जून 2025 तक स्थिति भारत के पक्ष में थी परंतु अब पाकिस्तान की स्थिति सुदृढ़ होती जाएगी। कहते हैं कि यदि सांप का फन पूरी तरह से नहीं कुचला जाए तो फिर वह पलटवार करता है जो पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक होगा।
ऐसा क्यों है कि भारत को इसी वर्ष पाकिस्तान का संपूर्ण क्रियाकर्म कर देना चाहिए?
वर्ष 2025 का राजा मंगल है और हिंदू नववर्ष का राजा सूर्य है। नरेंद्र मोदी और भारत की कुंडली में मंगल की स्थिति स्ट्रांग है, लेकिन पाकिस्तान की कुंडली में फिलहाल शुक्र मार्केश योग बना हुआ है। उसकी महादशा चल रही है। इससे उसकी आर्थिक स्थित खराब हो चली है। उसमें बुध की अंतरदशा चल रही है। बुध जो स्वयं चंद्रमा की राशि में शुक्र, शनि के साथ फंसा हुआ है। इसके चलते पाकिस्तान के बुरे दिन चल रहे हैं, लेकिन बहुत जल्द उसकी स्थिति भी स्ट्रांग होने वाली है, क्योंकि उसकी मेष लग्न की कुंडली है जिसमें सूर्य का गोचर है। 14 मई को सूर्य मेष से निकलकर वृषभ राशि में जाएंगे। यानी भारत की वृषभ लग्न की कुंडली में गोचर करेंगे। तब भारत की स्थिति और मजबूत हो जाएगी। बृहद पराशर होरा शास्त्र के अनुसार सूर्य की महादशा में यदि शुक्र की अंतरदशा होती है और शुक्र यदि शत्रु राशि में मार्केश हो या शत्रु राशि के स्वामी के साथ बैठा हो तो अनिष्ट कारक योग के चलते अपमृत्यु यानी समय के पहले मृत्यु का योग बनता है। ऐसे में पाकिस्तान के हालात अभी यही बने हुए हैं।
पिछले 78 वर्षों से पाकिस्तान युद्ध की स्टाइल में ही धीमें धीमें छापा मार युद्ध कर रहा था और इसके चलते उसने कश्मीर में अपनी स्थिति स्ट्रांग कर ली है। अब यदि उसे समय मिलेगा युद्ध विराम से तो वह और भी ज्यादा स्ट्रांग बनकर भारत पर हमला करेगा। अब उसने बांग्लादेश और चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ अपना एक स्ट्रांग प्लान तैयार कर लिया है। जहां तक बलूचिस्तान का सवाल है तो उसने इससे निपटने के लिए आईएसआई को ठेका दे दिया है। इसके अलावा उसने अमेरिका और चीन की मदद से अपनी सेना को मजबूत बनाना शुरू कर दिया है।
वर्तमान में ग्रहों की स्थित है भारत के अनुकूल:
वर्तमान में शनि और राहु ने मीन में पिशाच योग बना रखा है जो 18 मई तक रहेगा। 18 मई से 7 जून तक मंगल और राहु का षडाष्टक योग रहेगा इसके बाद शनि और मंगल का षडाष्टक योग बनेगा जो लंबे समय तक रहेगा। फिलहाल की स्थिति भारत के पक्ष में 7 जून तक रहेगी। यदि भारत 7 जून तक पीओके को अपने अधिकार में ले लेता है या तेजी से कार्रवाई करते हुए बलूचिस्तान को अलग कर देता है तो आगे की स्थिति भी उसके अनुकूल होती जाएगी अन्यथा पीओके को अधिकार में लेना भारत के लिए मुश्किल ही नहीं बड़ा कठिन हो जाएगा। फिलहाल चंद्र में सूर्य और सूर्य में मंगल होने के कारण भी भारत मजबूत है। यह स्थित 7 जून तक रहेगी। इसके बाद भारत का समय अच्छा नहीं माना जा रहा है। फिर जून 2026 में भारत को फिर से युद्ध में जाना पड़ेगा, लेकिन तब तक पाकिस्तान की पोजिशन स्ट्रांग हो जाएगी।
यदि पाकिस्तान को अभी छोड़ दिया तो फिर भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि 7 जून के बाद ग्रह नक्षत्रों की दशा बदल जाएगी जो भारत के पक्ष में उतनी नहीं रहेगी जितनी अभी है। इसके बाद 11 जुलाई से लेकर 7 अक्टूबर तक खप्पर योग बनेगा जिसके चलते भारत को नुकसान उठाना पड़ सकता है। आगे फिर वर्ष 2026 के मध्य में भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से बड़ा टकराव होगा और यह युद्ध लंबा चलेगा, क्योंकि तब तक पाकिस्तान अपनी पोजिशन स्ट्रांग कर चूका होगा। यानी पाकिस्तान को अभी छोड़ दिया तो फिर वह भारत को बड़े पैमाने पर छेड़ेगा।
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