1. मेष राशि: आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होकर शुक्र का दूसरे भाव में गोचर होगा। दूसरे भाव का शुक्र सकारात्मक परिणाम देगा। इसके परिणाम स्वरूप घर परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। विलासिता की वस्तुओं पर खर्च करेंगे। गीत संगीत में आपकी रुचि बढ़ जाएगी। नौकरी में प्रशंसा मिलेगी। व्यापार में उन्नति होगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
2. वृषभ राशि: आपकी कुंडली में आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी शुक्र का प्रथम भाव में गोचर होगा। प्रथम भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना जाता है। इसके परिणाम स्वरूप आपका व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ेगा। जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत होंगे। सुख संपदा में बढ़ोतरी होगी। आर्थिक मामले में भी शुक्र के इस गोचर के चलते आपको लाभ मिल सकते हैं। नौकरी और व्यापार में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
3. मिथुन राशि: आपकी कुंडली के पांचवें भाव और द्वादश भाव के स्वामी शुक्र द्वादश भाव में गोचर हुआ है। यह गोचर ठीक नहीं माना जा सकता। आप अपने प्रियजनों से दूर रह सकते हैं। लंबी यात्रा के योग भी हैं। विदेश से जुड़े व्यापार में लाभ होगा। नौकरीपेशा हैं तो संभलकर कार्य करें। आपके खर्चे बढ़ जाएंगे। विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों को लाभ होगा।
4. कर्क राशि: आपकी कुंडली में चौथे और ग्यारहवें यानी लाभ भाव के स्वामी शुक्र का लाभ भाव में ही गोचर होगा। इसके परिणाम स्वरूप आपकी आमदनी में लाभ होगा। शुक्र ग्रह आपको विभिन्न मामलों में भी लाभ देना देंगे। खासकर भूमि, भवन, वाहन इत्यादि का अच्छा सुख और लाभ मिल सकता है। आप पर्यटन का आनंद ले पाएंगे। भाइयों और मित्रों का अच्छा सहयोग मिलेगा।
5. सिंह राशि: आपकी कुंडली के तीसरे और दशम भाव के स्वामी शुक्र का दशम भाव में गोचर हुआ है। इस गोचर के चलते कलह और मानसिक चिंता बढ़ सकती है। नौकरी में सतर्कता से काम लेना होगा और व्यापार में रुकावट आ सकती है। शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में परेशानियां आ सकती हैं। हालांकि आप सभी का समाधान ढूंढ ही लेंगे।
6. कन्या राशि: आपकी कुंडली में दूसरे भाव और नवम यानी भाग्य भाव के स्वामी शुक्र का भाग्य भाव में ही गोचर हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप भाग्य में वृद्धि होगी। अर्थात कर्म के अनुसार तो आपको परिणाम मिलेंगे ही, भाग्य का अच्छा सहयोग भी मिलने के कारण किसी भी काम में रुकावट नहीं आएगी। धार्मिक यात्राओं के योग बनेंगे। घर परिवार या रिश्तेदारी में मांगलिक कार्य भी संपन्न होंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
7. तुला राशि: आपकी कुंडली में लग्न और आठवें भाव के स्वामी शुक्र का आठवें भाव में गोचर हुआ है। पहले से चली आ रही परेशानी दूर होगी। धन संबंधी समस्या का समाधान होगा। नौकरी या व्यापार में सोच समझकर धैर्य पूर्वक करने की आवश्यकता है। सेहत का ध्यान रखना होगा। वाहन चलाते वक्त सावधानी रखना होगी।
8. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के सातवें और द्वादश भाव के भी स्वामी शुक्र का सप्तम भाव में गोचर हुआ है। जननेंद्रिय से संबंधित रोग के प्रति जागरूक रहें। अभी इस माह यात्राओं को स्थगित करें। जीवनसाथी के साथ सामंजस्य बिठाकर चलें। नौकरी में छोटे-मोटे व्यवधान रह सकते हैं और कारोबारी हैं तो सोच समझकर लेन देन करें।
9. धनु राशि: आपकी कुंडली के छठे भाव और ग्यारहवें भाव के भी स्वामी शुक्र का छठे भाव में गोचर हुआ है। शत्रुओं से बचकर रहें। लोगों से वाद विवाद न करें। खासकर किसी महिला से पंगा न लें। वाहन सावधानी से चलाने की आवश्यकता है। कारोबारी हैं तो लेन देन में सावधानी रखें। नौकरीपेशा हैं तो सहयोगियों से बनाकर रखें।
10. मकर राशि: आपकी कुंडली के पांचवे भाव और दशम भाव के स्वामी शुक्र का पंचम भाव में गोचर हुआ है। संतान को लेकर आप व्यर्थ ही चिंतित रह सकते हैं। जीवनसाथी से विवाद न करें। प्रेम संबंध में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। शिक्षा से संबंधित कार्य करते हैं तो सतर्कता से कार्य करें। लोगों से अच्छा व्यवहार रखें। परीक्षा में सफलता मिलने की संभावना है। यदि आपकी उम्र विवाह की है तो विवाह आदि से संबंधित बातें आगे बढ़ सकती हैं।
11. कुंभ राशि: आपकी कुंडली में चौथे और नवम भाव के स्वामी शुक्र का चतुर्थ भाव में गोचर हुआ है। इस गोचर के चलते आपकी सुख सुविधाओं का विस्तार होगा। आपकी इच्छाएं पूर्ण होगी। आर्थिक मामलों में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। भूमि, भवन, वाहन इत्यादि का सुख मिलेगा। मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी। नौकरी या व्यापार दोनों में सकारात्मक परिणाम मिलेगा।
12. मीन राशि: आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के स्वामी का तीसरे भाव में गोचर हुआ है। भाई, बहनों और मित्रों से आपके संबंध मजबूत होंगे। कार्यक्षेत्र में भाग्य का सहयोग मिलेगा। कहीं से कोई अच्छा समाचार भी सुनने को मिल सकता है। सुख समृद्धि में वृद्धि हो सकती है।
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