1. कोकणस्थ: महाराष्ट्र के कोकणस्थ समुदाय में डेढ़ दिन में गणपति प्रतिमा का विसर्जन कर देते हैं।
2. देशस्थ: महाराष्ट्र के देशस्थ समुदाय के लोग 3, 5 या 7वें दिन विसर्जन करते हैं। जिस परिवार में जैसी परंपरा है वह वैसी परंपरा का निर्वहन करता है। अधिकतर लोग ज्येष्ठा गौरी स्थापना के पहले और कुछ ज्येष्ठा गौरी के विसर्जन के समय गणपति का विसर्जन करते हैं।
3. अन्य क्षेत्रों में: महाराष्ट्र के अलावा अन्य जगह पर 10वें दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन होता है। खासकर मध्यप्रदेश और उत्तर भारत में यह परंपरा है।
हालांकि यह भी कहा जाता है कि गणेश उत्सव और विसर्जन की परंपरा की शुरुआत महाराष्ट्र में हुई थी। क्योंकि, उत्तर भारत से भगवान गणेश अपने भाई कार्तिकेय से मिलने महाराष्ट्र गए थे। वहां वे 10 दिन रुके थे। इसके बाद उनकी सम्मान के साथ विदाई हुई थी।
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