
अमित शाह की कुंडली के ग्रह गोचर: इंटरनेट से प्राप्त अमित शाह की जन्म दिनांक 22 अक्टूबर 1964, समय 5:25, स्थान मुंबई है। इसके अनुसार अमित शाह की कन्या लग्न की कुंडली में जन्मस्थ शनि छठे, राहु दसवें और गुरु नवम भाव में विराजमान हैं। दूसरे भाव में सूर्य और बुध की युति और एकादश भाव में मंगल विराजमान हैं और बारहवें भाव में शुक्र विराजमान है।
महादशा: शाह की कुंडली में गुरु की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही है। 23/7/26 के बाद गुरु में बुध की अंतर्दशा चलेगी। इसके बाद गुरु में केतु और इसके बाद गुरु में शुक्र की अंतर्दशा चलेगी। गुरु की महादशा वर्ष 2040 तक रहेगी। यह समय बहुत शानदार रहने वाला है। यदि लाल किताब की दशा को माने तो 22 अक्टूबर 2026 से लेकर 22 अक्टूबर 2032 तक मंगल की महादशा चलेगा जिसमें उनके सितारे बुलंदी पर होंगे।
साढ़ेसाती: अमित शाह की मेष राशि मंगल की है और उन पर साढ़ेसाती प्रथम चरण प्रारंभ हुआ है। यदि दशा उन्हें या तो बहुत ऊंचाइयों पर ले जाएगी या उन्हें पद खोना पड़ सकता है।
लाल किताब का फलादेश:
सूर्य: दूसरे भाव में सूर्य का अर्थ है खुद शिकार करके खाने वाला सिंह। इसे बिना किसी सहारे के जलने वाला मंदिर का दीपक भी कहा गया है। द्वितीय भाव में सूर्य होने पर व्यक्ति त्यागी, दानी, भाग्यशाली, सच्चरित्र एवं धार्मिक स्वभाव का होगा। वाहन, धन सम्पति, बहुमूल्य आभूषण, अधिकार पूर्ण पद का स्वामी होगा। मधुर भाषी एवं अपने तर्को से सभी को अनुकूल करने की क्षमता रखता है। स्वयं स्वार्थ से रहकर सभी की सहायता करने वाला होता है। ऐसे जातक के जन्म के पश्चात ही माता-पिता का भाग्योदय हुआ होगा।
चंद्र: मंगल और शनि से प्रभावित इस भाव में यदि चंद्रमा है तो जातक की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लेकिन यदि शिक्षा अच्छी है तो जातक को अपनी मां की सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा। अकेला है तो कुंटुब, धन और करियर के लिए यह शुभ है। शर्त यह कि शनि और मंगल भी शुभ होना चाहिए। लेकिन यहां चंद्रमा मंदा हो रहा है जो माता के लिए ठीक नहीं।
मंगल: एकादश भाव में मंगल के बारे में लाल किताब में कहा गया है कि जंजीर से बंधा पालतू चीता। मां-बाप के घर दौलत का भंडार भरने वाला। कम उम्र में ही दौलत मंद होगा शर्त यह की पिता से धन न लें।
बुध: दूसरे भाव में हो तो वह बुद्धिमान तथा परिश्रमी होता है। सभा आदि में भाषण द्वारा वह जनता को मंत्रमुग्ध कर सकता है। चालाकी से उत्तर देने वाला और सभी को तारने वाला सिद्धि होगा।
गुरु: भाग्य भाव में स्थिति गुरु बहुत शुभ है जो शिक्षा, दीक्षा, संतान, भाई बहन और चरित्र सभी को शुभ बना रहा है। धन और दौलत का त्याग करने वाला योगी। इसका मतलब यह है कि ऐसा व्यक्ति कभी भी धन के पीछे नहीं भागेगा। खानदानी अमीर होगा। फिर भी अपनी मेहनत से बहुत धन कमा सकने की ताकत रखेगा। नौवां घर बृहस्पति से विशेष रूप से प्रभावित होता है। इसलिए जातक अपनी जुबान का पाक्का और दीर्घायु होगा। इस भाव वाला जातक प्रसिद्ध है और अमीर परिवार में पैदा होगा। उसके बच्चे बडे अच्छे होंगे।
शुक्र: इस खाने में शुक्र को 'लक्ष्मी' कहा गया है। यहां शुक्र उच्च का होता है। यदि वह चरित्र का उत्तम है तो जातक को महिला और सरकार से मदद मिलने के चांस ज्यादा रहते हैं। पत्नी मुसीबत के समय ढाल बनकर काम करेगी। लेकिन बृस्पति के घर में होने के कारण पत्नी के स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करना होगी। शुक्र बारह के समय दूसरे या छठवें भाव में बैठा बुध जातक को रोगी बनाता हैं। यदि रोगी नहीं है तो लंबी आयु रहेगी। अमित शाह की कुंडली में दूसरे भाव में बुध है। इसलिए उन्हें अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा।
शनि: किस्मत लिखने का मालिक। यदि केतु अच्छी स्थित में हो जातक धन, लाभदायक यात्राओं और बच्चों के सुख का आनंद पाता है अन्यथा रोगी बन सकता है। अमित शाह की कुंडली में केतु चतुर्थ भाव में स्थित होकर मातृ ऋण बना रहा है। इसका अर्थ है कि जातक अपने कर्मों और मेहनत से ही उच्च पद पर बैठेगा यदि गुरु का साथ मिले तो फिर समझ पक्का की अपनी किस्मत खुद अपने हाथों से लिखेगा।
राहु: सांप के फन पर रखी मणि। दौलतमंद और झूझारू। यहां स्थित राहु का अच्छा या बुरा परिणाम शनि की स्थिति पर निर्भर रहता है। यदि शनि शुभ है तो जातक बहादुर, दीर्घायु, और अमीर होता है तथा उसे सभी प्रकार से सम्मान मिलता है। अमित शाह की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में है।
केतु: ज्वार भाटा। जैसे समुद्र में तूफान आते रहते हैं, लेकिन इससे समुद्र का कुछ नहीं बिगड़ता समुद्र में रहने वाले जीव-जंतु ही परेशान रहते हैं। यदि चतुर्थ भाव में केतु शुभ है तो जातक भगवान से डरने वाला और अपने पिता तथा गुरु के लिए भाग्यशाली होता है। ऐसे जातक को गुरु के आशीर्वाद के बाद ही पुत्र की प्राप्ति होती है और पुत्र दीर्घायु होता है। ऐसा जातक एक अच्छा सलाहकार होता है। उसे कभी भी पैसे की कमी नहीं रहती।
फलादेश निष्कर्ष: उनकी कुंडली में गुरु, राहु, शनि, मंगल और शुक्र सहित सभी ग्रह अच्छी स्थिति में हैं। बस सूर्य और बुध मिलकर दूसरे भाव से गुरु को मामूली टक्कर दे रहे हैं। यानी खराब कर रहे हैं। लाल किताब के अनुसार 1 से लेकर 6 तक यदि केतु कहीं पर भी बैठा हो तो गुरु मंदा हो जाता है। भाग्य भाव में बैठा मंदा गुरु भाग्य और सेहत पर थोड़ा बहुत नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके लिए गुरु के उपाय करते रहना चाहिए। हालांकि बाकी ग्रहों में शनि और राहु जातक को उच्च पद पर बने रहने की गारंटी देते हैं।
लाल किताब के संकेतों के अनुसार, अमित शाह भविष्य में प्रधानमंत्री पद के एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं। यदि उनकी कुंडली का विशलेषण करें तो उनके ग्रह नक्षत्र ज्यादा प्रबल है जो 99 प्रतिशत उनके पीएम बनाने के संकेत देता है। कोई बड़ा उलटफेर या उनकी बीमारी ही इन्हें पीएम बनने से रोक सकती है।
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