ऐश्वर्य की प्राप्ती के लिए इस पेड़ की करें पूजा, शुक्र ग्रह के दोष भी होंगे दूर

ज्योतिष शास्त्र में वृक्षों को देवताओं और ग्रहों के निमित्त लगाकर उनसे शुभ-लाभ प्राप्त किए जाने का उल्लेख मिलता है। पीपल के वृक्ष में सभी देवताओं का तो आंवला और तुलसी में विष्णु का, बेल और बरगद में भगवान शिव का जबकि कमल में महालक्ष्मी का वास माना गया है। इन्हीं पेड़ों की पूजा से हम हमारे कुंडली के ग्रह दोषों को भी दूर कर सकते हैं। क्योंकि ग्रहों से जुड़े पेड़ों और उनसे जुड़े देवी-देवताओं की पूजा कर उन्हें शांत कर सकते हैं। आपकी कुंडली में यदि कोई ग्रह पीड़ित होता है, तो उससे आपको कई नुकसान होते हैं व आपको वह लाभ नहीं लेने देता है, लेकिन आप कुछ सरल उपाय से इन दोषों को दूर कर सकते हैं। हर ग्रह को प्रसन्न व उनकी शांति के लिए एक पेड़ होता है जिसकी हम पूजा कर सकते हैं। जैसे- सूर्य के लिए मदार, चंद्र के लिए पलाश, मंगल के लिए खैरा, बुध के लिए बरगद, गुरु के लिए पीपल, शुक्र के लिए गूलर, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दूर्वा और केतु के लिए कुश वृक्ष की समिधा प्रयुक्मत होती हैं।

 

 

shukra grah

ज्योतिष के अनुसार बात करें तो शुक्र भौतिक सुख-सुविधा का कारक ग्रह जाता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति को हर प्रकार का सुुख प्राप्त होता है व्यक्ति को धन, वैभव व ऐश्वर्य की प्राप्ती होती है। इनका दांपत्य जीवन भी सुखमय होता है। इसके विपरीत यदि किसी व्यक्ती की कुंडली में शुक्र खराब हो या पीड़ित हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। साथ ही आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, संबंधों में कड़वाहट, वैवाहिक जीवन में प्रेम का अभाव व शुगर जैसी बीमारियां भी रहती हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह पीड़ित होता है उनके लिए गूलर का पेड़ बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि ये पेड़ शुक्र ग्रह से संबंधित होता है। इस पेड़ की जड़ से हम शुक्र के बुरे असर को खत्म कर सकते हैं।

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वैसे तो ज्योतिषाचार्य में शुक्र के बुरे असर को खत्म करने के लिए कई उपाय हैं। कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति ठीक ना होतो गूलर के पेड़ के उपायों से दूर कर सकते हैं। गूलर की लकड़ियां, फूल और जड़ तीनों शुक्र के दोष को कम करने में काम आती हैं।

ऐसे करें शुक्र के बुरे प्रभावों को खत्म

गुरुवार के दिन शाम को गूलर की जड़ का टुकड़ा घर लेकर आएं, उस जड़ को कच्चे दूध और गंगाजल से धोकर ठीक से साफ कर लें, साफ करने के बाद आप उस जड़ की पूजा करें। पूजा के लिए आप कुंकुम व चावल का उपयोग करें तत्पश्चात उसे भगवान के मंदिर में रख दें। शुक्रवार के दिन सुबह नहाने के बाद 108 बार ऊँ शं शुक्राय नमः मंत्र का जाप करें। मंत्रों के जाप के बाद जड़ सिद्ध हो जाती हैं उसके बाद आप उस जड़ के टुकड़े को चांदी के लॉकेट में डाल कर चांदी की चेन में पहन लें। इससे शुक्र के कारण जीवन में आ रही समस्याओं से राहत मिल जाएगी। अगर लॉकेट ना पहनना चाहें तो किसी शुक्रवार की शाम गूलर की लकड़ियों से ऊँ शं शुक्राय नमः मंत्र के साथ हवन करें। वहीं अगर हो सके तो गूलर का पेड़ लगाकर उसकी सुरक्षा करें,यह उपाय भी काफी लाभदायक होगा।



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