धर्म और धार्मिक आस्था से जुड़े ये 7 पेड़, करते हैं मनुष्य की हर इच्छा पूरी

पेड़-पौधे प्रकृति के ऐसे वरदान हैं, जिन्हें मनुष्य के जीवन का एक अंग भी कहा जा सकता हैं क्योंकि ये हमे हरियाली, फल-फूल, उत्तम स्वास्थ्य देने के साथ शुद्ध प्राणवायु भी प्रदान करते हैं । इनके अलावा भी इन पेड़ों का उपयोग तंत्र शास्त्र, ज्योतिष व वास्तु में किया जाता हैं, और धर्म में आस्था रखने वाले लोग इन पेड़ों का टोने टोटके के माध्यम से अपनी परेशानियों को दूर करने में भी करते हैं ।

 

1- पीपल का पेड़
श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहते है कि वृक्षों में पीपल का पेड़ सबसे श्रेष्ठ है । भगवान बुद्ध को भी पीपल के पेड़ के नीचे ही दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी । महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए इस पेड़ की पूजा करती हैं, पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जिसमें कीड़े नहीं लगते हैं, इस एक पेड़ को मुक्ति के लाखों, करोड़ों उपायों के समान माना गया है, लोग पितृ दोष की समस्या से बचने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं, इसके अलावा भी अनेक समस्याओं को दूर करने में सक्षम होता है यह पेड़ ।

 

2- अशोक का पेड़
धर्म के जानकार लोग अशोक के पेड़ के बारे में कहते हैं कि इस पेड को लगाने से किसी भी प्रकार का शोक नहीं होता, अशोक वृक्ष को घर में लगाने से अन्य अशुभ वृक्षों दोष भी खत्म हो जाता है । अशोक के पेड़ को सभी कष्टों को दूर करने वाला माना जाता है ।


3- बरगद का पेड़
हिंदू धर्म में बरगद पेड़ को त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है, इस पेड़ के बारे में शास्त्रों में भी विस्तार वर्णन मिलता हैं । जीवन और मृत्यु का प्रतीक यह पेड़ मोक्ष प्रदायक माना जाता है, जो व्यक्ति दो वटवृक्षों का विधिवत रोपण करता है वह मृत्यु के बाद शिवलोक को प्राप्त होता है, इस पेड़ को कभी नहीं काटना चाहिए, मान्यता है कि निःसंतान दंपति बरगद के पेड़ की पूजा करें तो उन्हें संतान प्राप्ति हो सकती है ।


4- बेल का पेड़
धर्म में आस्था रखने वाला हर कोई बेल के पेड़ से परिचित होता है, भगवान शिव से जुड़े होने के कारण बिल्व वृक्ष का भी काफी धार्मिक महत्त्व है । कहा जाता है कि भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं । मंदिरों और घर के आसपास बेल का पेड़ होना शुभ माना जाता है ।
5- नीम का पेड़
नीम के पेड़ का सिर्फ औषधीय ही नहीं बल्कि धार्मिक महत्त्व भी है, शास्त्रों में इस पेड़ को मां दुर्गा का रूप माना जाता है, इसलिए इस पेड़ की नीमारी देवी के रूप में पूजा भी की जाती है । तंत्र में कहा गया हैं कि अगर कही बुरी आत्माओं का वास हो तो वहां नीम की पत्तियों का धुंआ करने से रक्षा होती हैं ।


6- आम का पेड़
वास्तु में आम के पेड़ को बहुत ही पवित्र माना जाता है, इसकी लकड़ी और पत्तों का अनेक धार्मिक आयोजनों में उपयोग किया जाता हैं, घर के दरवाजे पर आम के पत्ते की वंदनवार लटकाने से घर के वास्तु दोष खत्म होता हैं, अधिकांश यज्ञों में आम की ही लकड़ी का प्रयोग किया जाता हैं, और इसके पत्तों को कलश स्थापना में भी उपयोग करते है । बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती के पूजन में विशेषकर आम के फूलों का इस्तेमाल होता है ।


7- केले का पेड़
भगवान विष्णु के प्रिय केले के पेड़ का प्रयोग अनेक धार्मिक कार्यों में किया जाता है, सत्यनारायण की कथा में इसके पत्तों का मंडप बनाया जाता हैं, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का भोग लगाया जाता है । केले के पत्तों में प्रसाद बांटा जाता है, माना जाता है कि सुख समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा लाभकारी होती हैं ।

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