वैवाहिक जीवन में थोड़ी बहुत अनबन तो होती रहती हैं, लेकिन कभी कभी पति पत्नी के झगड़े हद से ज्यादा ही बड़ जाते है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक जातक के जीवन में स्त्री सुख का कारक ग्रह शुक्र ग्रह होता है, शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही जातक अपने प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त करता है, इसके साथ ही सुंदर व्यक्तित्व और धन-सम्पति का कारक भी शुक्र ग्रह ही है । शुक्र गुरु को असुरों का गुरु कहा जाता है और सभी भौतिक वस्तुओं यानी सभी प्रकार के भोग शुक्र ग्रह के अधीन माने गये हैं । जैसे कि- धन सम्पति, स्त्री सुख, सुंदर व्यक्तित्व ये सभी सुख, शुक्र ग्रह की कृपा से ही जातक अपने जीवन में भोगता है ।
शुक्र ग्रह के प्रभाव
शुक्र ग्रह को सीधे पृथ्वी से देखा जा सकता है इसलिए इसका सीधा-सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है, जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह नीच भाव का हो यानि कमजोर, तो ऐसे में शुक्र ग्रह से शुभ फल प्राप्त नहीं हो पाते और जातक जीवन भर स्त्री सुख और धन के लिए संघर्ष करता रहता है ।
प्रेम संबंधों में अनबन
आज की नई पीड़ी प्रेम संबंधो में कुछ ज्यादा ही रूचि रखती है और शादी विवाह से पहले ही अपने जीवन साथी से प्रेम कर बैठते है, एवं बाद में विवाह करने का मन बनाते है, किन्तु ऐसा सभी के लिए संभव नहीं हो पाता, कुछ प्रेमी युगल तो प्रेम में असफल होकर वशीकरण जैसी विद्या का सहारा लेते है, तो कुछ मानसिक रूप से विकृत हो जाते हैं, इन सभी समस्याओं का मुख्य कारण शुक्र ग्रह का कमजोर होना है, इसके विपरीत जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति ठीक होती हैं उसके जीवन में कभी भी प्रेम संबंध को लेकर कोई भी अनबन नहीं होती । शुक्र ग्रह कमजोर होने पर जातक के विवाह में देरी होती है, सगाई होकर टूट जाती है, विवाह के बाद जीवन साथी के साथ अनबन होते रहती है, यहाँ तक की तलाक होने की नौबत भी आ जाती है ।
शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के उपाय
अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है तो इस उपाय को करने से शुक्र ग्रह प्रसन्न हो जाते है एवं उनका कुप्रभाव खत्म हो जाता है । शुक्र ग्रह के कुप्रभाव को ठीक करने के लिए नियमित रूप से इस मंत्र का 108 जप करना चाहिए । इससे शुक्र ग्रह प्रसन्न हो जाते हैं ।
मंत्र
।। ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ।।
शुक्रवार के दिन प्रातःकाल के समय भगवान श्री विष्णु और माता महालक्ष्मी के मंदिर जाकर उन्हें लाल फूलों की माला चढ़ाकर, कोरे लाल कपड़ें में एक पानी वाला नारियल लपेटकर भगवान विष्णु व माता महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित कर दें । इस प्रयोग को 8 शुक्रवार तक करना करें । ऐसा करने से शुक्र ग्रह को बल मिलता है और वे प्रसन्न होकर जातक को सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते हैं । इसके बाद अगर संभंव हो तो एक हीरा रत्न व जेरेकन रत्न अवश्य धारण करें ।
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