सावन माह में पूरा देश भोले की भक्ति में लीन रहता है ऐसे में भोले की नगरी कहे जाने वाले काशी में सावन को लेकर कई तैयारियां की जाती है। सावन माह में आने वाले सोमवार का बहुत विशेष महत्व है। वहीं काशी में बाबा विश्वनाथ 12 ज्योर्तिलिंगों में प्रधान हैं। सावन के सोमवार पर बाबा विश्वनाथ की पांच विविध रूपों में श्रृंगार किया जाएगा और सावन के प्रत्येक सोमवार को भक्तों को बाबा विश्वनाथ का एक नया श्रृंगार देखने को मिलेगा। वैसे तो सालभर ही यहां भक्तों की भीड़ होती है लेकिन सावन माह में इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। इसलिए भक्तों को ध्यान में रखकर मंदिर में पूजा व आरती का समय जारी किया है। सावन के पहले सोमवार को भोले की नगरी काशी में एक अनूठा ही नजारा देखने को मिलेगा, बम-बम भोले के जयकारों से पुरा शहर हो जाएगा भक्तिमय
हर सोमवार को विशेष श्रृंगार
सावन के हर सोमवार को बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार होगा। पहला सोमवार 31 जुलाई को होगा पहले सोमवार को भगवान शंकर का श्रृंगार किया जाएगा। 6 अगस्त को सावन का दूसरा सोमवार रहेगा इस दिन भक्तों को भगवान शंकर और पार्वती का श्रृंगार देखने को मिलेगा। तीसरे सोमवार 13 अगस्त को पड़ेगा इस दिन बाबा का अर्धनारीश्वर शृंगार किया जाएगा। 20 अगस्त को अंतिम सोमवार के दिन बाबा का श्रृंगार होगा। वहीं 26 अगस्त को भगवान शिव, माता पार्वती एवं गणेश जी की चल प्रतिमाओं के झूला श्रृंगार भक्तों को देखने को मिलेगा।
काशी विश्वनाथ में सावन के सोमवार को मंगला व अन्य आरती समय अलग रहेगा। मंगला आरती भोर में 2.30 बजे से शुरू होकर 4 बजे तक चलेगी। वहीं सप्तर्षि आरती शाम 5.30 बजे होगी और रात 9.15 बजे से शृंगार आरती होगी। सावन के बाकी दिनों में मंगला आरती सोमवार आरती के समय से 15 मिनट लेट यानी भोर 2.45 पर की जाएगी। वहीं सप्तर्षि आरती शाम 7.30 बजे से शुरु होगी।
सावन मे बढ़ा मंगला आरती का टिकट
सावन माह में मंगला आरती का टिकट अन्य दिनों की अपेक्षा 300 रुपये बढ़ गया है। सामान्य दिनों में मंगला आरती का टिकट 300 रुपए ही देना होता है वहीं सावम माह में 600 रुपए तक देना होगा वहीं सावन के सोमवार को मंगला आरती का टिकट का शुल्क चार गुना ज्यादा यानी 1200 रुपए देना होगा और इसके साथ ही उन्हें आरती की एडवांस बुकिंग भी करवानी होगी।
कांवड यात्रियों के लिए व्यवस्था
इस माह में जलाभिषेक के लिए आने वाले कांवडियों के लिए शहर में कई व्यवस्थाएं की जाएंगी हैं। कांवडियों के लिए दस से ज्यादा स्थानों पर शिविर खोले जाएंगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर जाने वाले रास्तों पर करीब चार किलोमीटर लंबे बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। इसके अलावा इलाहाबाद-वाराणसी हाईवे की एक लेन पूरे सावन महीने कांवरियों के लिए होगी। इस लेन में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाएगी। जिससे कावड़ियों को यात्रा के दौरान कोई समस्या ना हो।
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