सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त अनेक तरह के प्रयास करते हैं, शास्त्रों में वर्णन आता है कि सावन माह में भक्तों को तीन प्रकार के व्रत करने का उल्लेख हैं । पहला सावन का सोमवार, दूसरा सोलह सोमवार और तीसरा सोम प्रदोष, इस बार सावन के महीने पहला सोमवार 30 जुलाई को होगा ।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन के महीने में तीनों व्रतों की पूजा एक समान ही होती है, सावन के व्रत और कथा के बारे में तो लगभग हर कोई जानता ही है, लेकिन इस दौरान खान-पान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है । कहा जाता है कि सावन माह में शिव भक्तों को इन सब्जियों को खाने से बचना चाहिए । नहीं शिव साधना का भरपूर लाभ नहीं मिल पाता ।
1- सावन के माह में चारों ओर मनमोहक हरियाली ही हरियाली देखाई पड़ती इसलिए सावन में हरे रंग का खास महत्व भी है, लेकिन शिव भक्तों को सावन माह में हरि पत्तेदार सब्जियां खाने की मनाही होतती है, कहा जाता है कि हरि पत्तेदार सब्जियां शरीर में वात को बढ़ाती हैं, इसलिए इन्हें खाने से बचना चाहिए. वहीं, इसका अगर वैज्ञानिक कारण देखा जाए तो सावन का महीना बारिश का होता है और पत्तेदार सब्जियों में कीड़े मिलते हैं, इसलिए इनके सेवन से शिव भक्त ही नहीं बल्कि आमजन को भी बचना चाहिए ।
2- सावन के माह में बैंगन (भट्टा) भी बहुत पैदा होता है, और इसकी सब्जी भी लोगों को अति स्वादिष्ट लगती है, लेकिन सावन के महीने में इसे खाने की मनाही होती है, धार्मिक मान्यता के मुताबिक, बैंगन को अशुद्ध माना जाता है, इसलिए सावन के महीने में इसे शिव भक्तों को तो भूलकर भी नहीं खाना खाना चाहिए ।
3- का जाता हैं कि विशेषकर शिव भक्तों को सावन माह में दूध, दही, पनीर, कच्चा दूध आदि के सेवन की मनाही होती है, कहा जाता है कि कच्चे दूध से भगवान शिवजी का अभिषेक किया जाता है, इसलिए इसका सेवन करने से बचना चाहिए ।
4- सावन के माह में कढ़ी भी खाने की मनाही है, कहा जाता है कि कढ़ी में प्याज और दूध से बनने वाली छाछ का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए ।
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