सदी का सबसे लंबा और साल का दूसरा चंद्र ग्रहण आज, जानिए भारत में ग्रहण का समय

आज 27 जुलाई को रात्रि से सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगेगा। आज पड़ने वाला चंद्रग्रहण साल का दूसरा चंद्रग्रहण है। पूर्ण चंद्रग्रहण का समय लगभग 103 मिनट तक का रहेगा। इसका दृष्य भारत में भी दिखाई देगा वहीं भारत में चंद्रग्रहण रात 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 49 मिनट तक चलेगा। 28 जुलाई की रात 1 बजकर 55 मिनट के समय चांद बुहत ही सुंदर गहरे रंग का दिखाई देगा। आपको बता दें की यह चंद्रग्रहण 104 साल बाद हो रहा है क्योंकी कई सालों बाद इतना लंबा चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। भारत में चंद्रग्रहण आंशिक व पूर्ण ग्रहण दिखाई देगा। इस साल पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी को पड़ा था जो करीब करीब 1 घंटे 16 मिनट का खग्रास था। लेकिन आज के दिन दूसरा चंद्रग्रहण पौने 4 घंटे का रहगा। चंद्र ग्रहण से पहले आज दोपहर 2 बजे से सूतक लग जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूतक के समय से ही भगवान की पूजा वर्जित होती है। इसलिए इस समय मंदिरों के भी कपाट बंद कर दिए जाते हैं। वहीं ज्योतिष के अनुसार चंद्रग्रहण के समय भाजन नहीं करना चाहिए, इसके अलावा नुकीली चीजों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।

chandra grahan

भारत सहित इन देशों में दिखेगा चंद्रग्रहण

सदि का सबसे लंबा आज पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारत के अलावा अमेरिका, आस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अंटार्टिका में भी दिखाई देगा। इससे पहले इतना लंबा चंद्र ग्रहण 16 जुलाई साल 2000 में देखा गया था। इसके बाद इतना लंबा ग्रहण आज देखा जाएगा। चंद्र ग्रहण दौरान मंगल ग्रह पृथ्वी के बहुत करीब होता है, इसलिए आज कई घटनाएं होने की भी संभावनाएं है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताय गया है की मध्यरात्रि में पड़ने वाला ग्रहण सबसे प्रभावशाली और लंबा होता है और इस बार चंद्र ग्रहण रात के समय में ही लग रहा है। चंद्रग्रहण को लेकर खगोल शास्त्र का कहना है कि यह ऐसा ग्रहण 150 साल बाद लगने जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण की समयावधि 3 घंटे 54 मिनट 33 सेकंड यानि करीब 4 घंटे की बताई जा रही है। ग्रहण के दौरान कई राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा, किसी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा तो किसी पर शुभ प्रभाव दिखेगा।

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क्या होता है चंद्रग्रहण

चंद्र ग्रहण एक खगोलिय घटना है। यह उस वक्त होता है जब सूर्य और चांद के बीच धरती आ जाएं। विज्ञान में इस घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी की वजह से चांद पर पड़ने वाली सूरज की रोशनी रुक जाती है। इसी को चंद्रग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है, जबकि चंद्र ग्रहण के वक्त पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। दरअसल पृथ्वी की छाया चंद्रमा की छाया से बहुत ज्यादा बड़ी होती है। इस स्थिति में सूर्य ग्रहण के मुकाबले चंद्र ग्रहण अधिक लंबे समय बना रहता है। चंद्र ग्रहण पूरी दुनिया में एक साथ ही शुरू होता है और एक साथ ही खत्म होता है लेकिन यह इस बात पर निर्भर है कि वहां पर रात्रि का कौन सा समय चल रहा है। ग्रहण कहीं शाम को चंद्रोदय के वक्त या उसके बाद दिखेगा तो कहीं सुबह चंद्रास्त के आस-पास होगा। लेकिन भारत की बात करें तो यहां पर चंद्र ग्रहण मध्य रात्रि में शुरू हो रहा है। लिहाजा देश के सभी स्थानों पर यह एक साथ शुरू होगा और एक साथ ही खत्म होगा।



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