नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के इन चमत्कारी मंत्रों के टोटके से मिलता हैं मनवांछित फल

नवरात्रि काल ऐसा काल हैं जिसमें आद्यशक्ति माँ दुर्गा की महिमा का रसपान कराने वाला दिव्य ग्रंथ हैं जिसे दुर्गा सप्तशती ग्रंथ कहा जाता हैं, यह ग्रंथ माता के भक्तों के लिए ज्ञान गंगा के समान ही पावन हैं । इस दिव्य ग्रंथ के अंत में माँ दुर्गा के अनेक चमत्कारी मंत्र अलग अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दिए गये है । इन मंत्रों के जप से साधक जीवन में आने वाली समस्याओं का निदान कर सकता हैं । जानिए माता के दिव्य ग्रंथ दुर्गा सप्तशती के चमात्कारी मंत्रों से कैसे अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं ।

 

1- अगर जीवन में किसी प्रकार की आपत्त्ति है तो उससे निकलने के लिए इस मंत्र का जप करें ।
मंत्र
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तुते ॥


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2- इस मंत्र का जप करने से सभी तरह के भय का नाश हो जाता हैं ।
मंत्र
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तुते ॥


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3- जाने अंजाने में जीवन में हुए पापों का नाश इस मंत्र के जप से हो जाता हैं ।
मंत्र
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥


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3- गंभीर बीमारी हो कोई महामारी इस मंत्र का जप करने के बाद 108 बार हवन में आहुति देन रक्षा होती हैं ।
मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥


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4- अगर पुत्र प्राप्ति की कामना हो तो नौ दिनों तक इस मंत्र का जप करें ।
मंत्र
देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥


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5- हर प्रकार की महामारी का नाश करने के लिए इस पावरफूल मंत्र का जप करें ।
मंत्र
जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तुते ॥


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6- अनेक शक्ति और शरीर बल की प्राप्ति के लिये इस मंत्र का जप करें ।
मंत्र
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमोsस्तुते ॥


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7- मन पंसद पति की कामना से जपे यह मंत्र ।
मंत्र
ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि ।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥


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8- मन पंसद पत्नी की प्राप्ति के लिये जपे यह मंत्र ।
मंत्र
पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ॥


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