श्री हनुमान चालीसा की इन चौपाइयों के जप से भय और डर दूर भाग जाते है

मानसकार एवं श्रीहनुमान चालीसा के रचनाकार श्री गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा के जप के हजारों फायदे बताए हैं । 'रामचरितमानस' की तरह ही हनुमान गुणगाथा भी फलदायी मानी जाती हैं । अगर पवनपुत्र की पूरी श्रद्धा से वंदना करते हुए उनकी चालीसा का जप किया जाए तो भय और डर को दूर होने के साथ अनेक मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है ।


हनुमान चालीसा के जप के फायदे


बचपन में जब हनुमानजी को काफी भूख लगी थी तो उन्होंने आसमान में चमकते हुए सूरज को एक फल समझ लिया था । उनके पास तब ऐसी शक्तियां थीं जिसके द्वारा वे उड़कर सूरज को निगलने के लिए आगे बढ़े, लेकिन तभी देवराज इन्द्र ने उन पर ऐसा प्रहार कि वे मूर्छित हो गए । तब हनुमान जी के धर्म पिता वायु देव बहुत क्रोधित हो गये, वायु देवता के क्रोध को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने हनुमानजी को कई शक्तियां और मंत्र प्रदान की और साथ ही आशीर्वाद भी दिया की हनुमान की शरण में जो भी सहायता के लिए आयेगा उनकी हर मनोकामना वायु पुत्र हमुमान जी पूरी करेंगे । इन्‍हीं मंत्रों और शक्‍त‍ियों के सार को गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में वर्णित किया हैं । इसलिए हनुमान चालीसा पाठ अद्भुत चमत्कारी माना गया है ।

 

अगर किसी को बार बार डर लगता हो या फिर किसी प्रकार का भय हो तो उन्हें श्री हनुमान चालीसा की इन चौपाईयों का जप निरंतर करना चाहिए, जिससे सभी समस्याओं का समाधान करने के साथ मनवांछित फल भी देते हैं श्री हनुमान जी ।


हनुमान चालीसा की चौपाईयां
1- भूत-पिशाच निकट नहीं आवे ।
महावीर जब नाम सुनावे ।।
इस चौपाइ का निरंतर जप करने से सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है ।


2- नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
यदि कोई बीमारियों से घिरा रहता है, अनेक इलाज कराने के बाद भी वह सुख नही पा रहा, तो उसे इस चौपाई का जप करें ।
3- अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता ।

असबर बर दीन जानकी माता ।।
यह चौपाई व्यक्ति को समस्याओं से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है । यदि किसी को भी जीवन में शक्तियों की प्राप्ति करनी हो, ताकि वह कठिन समय में खुद को कमजोर ना पाए तो सुबह के समय आधा घंटा इन पंक्तियों का जाप फायदा देगा ।


4- विद्यावान गुनी अति चातुर ।
रामकाज करिबे को आतुर ।।
विद्या और धन चाहिए तो इनके जप से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है ।


5- भीम रूप धरि असुर संहारे ।
रामचंद्रजी के काज संवारे ।।
जीवन में ऐसा कई बार होता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद कार्य में विघ्न प्रकट होते हैं । इसके जप से समाधान मिलेगा ।



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