पौष पुत्रदा एकादशी व्रत, संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाएं हो जाती हैं दूर

नये साल में पुत्रदा एकादशी 17 जनवरी 2019 दिन गुरुवार को है, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता हैं । शास्त्रोंक्त मान्यता हैं कि इस दिन व्रत उपवास रखकर संतान प्राप्ति की कामना से भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाये तो निसंतानों को संतान की प्राप्ति और इसके प्रभाव से संतान की रक्षा भी होती हैं । जाने इस व्रत का विधान और विधि विधान ।

 

पूजन विधि
1- पुत्रदा पौष एकादशी के पूर्ण शुद्ध होकर संतान प्राप्ति की मनोकामना के हाथ में जल व अक्षत लेकर व्रत करने का संकल्प लें ।
2- इस दिन भगवान श्राकृष्ण के बाल गोपाल रूप की पूजा संतान प्राप्ति के लिए करें, एवं पूरे दिन उपवास रहकर शाम को दीप दान भी करें ।


3- पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाले व्रत से पूर्व यानी दशमी के दिन एक ही वक्त वह भी सात्विक भोजन करके उसी दिन से द्वादशी तिथि तक संयमित और ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करना चाहिए ।
4- पंचामृत से भगवान विष्णु का स्नान कराके षोडशोपचार पूजन करना चाहिए ।


5- व्रत के अगले दिन गरीबों को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देना चाहिए ।
6- संतान प्राप्त के लिए पति-पत्नी दोनों ही सूर्योदय के समय भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल रूप की उपासना एवं उनके मंत्र का जप करना चाहिए ।


7- इस संतान प्राप्ति मंत्र की 11 माला का जप अवश्य करना चाहिए । ये जप दोनों पति पत्नी मिलकर ही करे ।
8- मंत्र जप पूरा होने के बाद हवन कुंड़ में आम, गुलर, बेल व पलाश की समिधाओं में अग्निकुंड़ में 108 आहुति गाय के घी की देने से संतान प्राप्ति के प्रबल योग बन जाते हैं ।

 

पुत्रदा एकादशी व्रत मुहूर्त

1- एकादशी तिथि 17 जनवरी 2019 को सूर्योदय से पूर्व ही शुरू हो जायेगी ।
2- एकादशी तिथि का समापन 17 जनवरी 2019 को रात 11 बजकर 34 मिनट पर हो जायेगा
3- व्रत तोड़ने का समय 18 जनवरी को सुबह 7 बजकर 18 मिनट से सुबह ही 9 बजकर 23 मिनट तक ।

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