गर्भवती महिला पूर्णिमा के पूर्ण चांद को देखते हुये 15 मिनट कर लें ये काम, विश्वमित्र बनेगी आने वाली संतान

हर कोई मां या माता पिता दोनों की यह इच्छा रहती की उनकी आने वाली संतान दुनियां में अच्छे कामों से उनका और उनके कुल का, जिला, राज्य और देश का नाम रोशन करें, संतान के कारण माता को पहचाना जाये । अगर आप भी चाहते हो की आपकी संतान सर्वश्रेष्ठ संतान बने, उसको समाज में यश कीर्ति मिले तो गर्भवती माता पूर्णिमा तिथि की रात में जब पूर्ण चन्द्रमा दिखाई दे तो केवल 15 मिनट के लिए इस काम को जरूर करें । ऐसा करने से भविष्य में आपकी संतान विश्वमित्र अर्थात दुनिया उसकी मित्र बन जायेगी । जाने आखिर पूर्णिमा को गर्भवती महिलायें क्या और कैसे करें ।

 

जो बन गये और जो बनने वाले हैं वे सभी माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अपने जीवन में चहु ओर सफलता के साथ प्रगति करता रहे, और इसके लिए माता पिता जब संतान गर्भ में रहती तभी से प्रयास भी करने लगते है, खास कर माता जब संतान गर्भ में पल रही होती तो उसका रहन-सहन, खान-पान सहित पूरी दिनचर्या को संयमित रखती हैं ।

 

शास्त्रों में कहा गया हैं की पूर्णिमा के दिन पूर्ण चन्द्रमा की चाँदनी का प्रकाश सभी प्राणियों के लिए विशेषकर मनुष्य के शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है । खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए तो पूर्णिमा के पूर्ण चंद्रमा का प्रकाश अमृत तुल्य बताया गया है । अगर कोई गर्भवती स्त्री पूर्णिमा के दिन जब तक बच्चे का जन्म नहीं हो जाता तब तक प्रत्येक पूर्णिमा के पूर्ण चन्द्रमा का प्रकाश सीधे 15 से 25 मिनट तक (रात में) अपने गर्भ एवं अपनी नाभि पर पड़ने दे तो गर्भस्थ शिशु आजीवन स्वस्थ रहता है ।

 

जब गर्भवती स्त्री पूर्णिमा के पूर्ण चांद का प्रकाश अपने गर्भ पर सेवन कर रही हो तक यानी की 15 से 25 मिनट तक गायत्री महामंत्र का मानसिक जप इस भाव से करें की आपकी गर्भस्थ शिशु विश्वमित्र बनने के साथ स्वस्थ्य व शतायु भी हो । इसलिए अपनी आने वाली संतान के उज्जवल भविष्य के लिए गर्भवती स्त्रियों को पूर्णिमा के पूर्ण चन्द्रमा की चाँदनी के प्रकाश में रहना चाहिए ।



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