महाशिवरात्रि या फिर अन्य दिनों में जब भी भगवान शिवजी को भोग लगाया जाता हैं, औऱ जो भोज लगाया जाता है से कोई और नही खा सकता, भक्त इस बात का ख्याल रखें कि भगवान शंकर पर चढ़ाया गया नैवेद्य खाना निषिद्ध है, ऐसी मान्यता है कि जो इस नैवेद्य भग को जो कोई भी खाता है, वह नरक के दुखों का भोग करता है एवं अनेक समस्याओं में भी उलझ जाता है । अगर कोई भक्त शिवजी को चढ़ाया हुआ नैवेद्य ग्रहण करना चाहते है तो उन्हें इसके लिए शिवजी की मूर्ति या शिवलिंग के पास में इनको रखना अनिवार्य, इनकी अनुमति के बिना शिव को लगा भोग खाना निषेध है ।
ऐसी मान्यता हैं महाशिवरात्र या फिर अन्य दिनों में होने वाली शिवपूजा में शिवजी का सोलह प्रकार के पदार्थों से विधिवत पूजन किया जाता हैं । शिवजी की पूजा में मुख्य रूप से उनका शुद्धजल, गाय का दुध, गंगाजल, शहद, दही, भस्म से अभिषेक किया जाता हैं, बेलपत्र, धतुरा शिव को परम प्रिय हैं । इनके अलावा नैवेद्य का भोग, 56 प्रकार का विशेष भोग लगाया जाता है । जिससे प्रसन्न होकर शिवजी मनाचाहा वरदान भी देते है ।
कहा जाता है कि अगर शिवजी को चढ़ाया हुआ भोग किसी ने खा लिया तो वह बहुत सारे कष्टों में फस जाता हैं, शिवजी का भोग ग्रहण करना चाहते हो और कष्टों से बचना चाहचे हो तो शिव की मूर्ति या शिवलिंग के पास पहले एक शालीग्राम जी की मूर्ति स्थापित करे और फिर शिवजी को भोग लगाकर शालीग्राम जी से अनुमति लेकर भोग का प्रसाद खाया जाए तो कोई दोष नहीं लगेगा और किसी तरह का समस्या भी नही होगी । इसलिए यदि शंकर जी की मूर्ति के पास शालीग्राम हो, तो नैवेद्य खाने से कोई हानी नहीं होगी ।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2NxE8KY
EmoticonEmoticon